जाट और मुस्लिम वोटरों पर फोकस, सहयोगी दलों की ताकत से ‘मिशन 75’ की तैयारी में BJP,

अगले लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में बीजेपी ने 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. राज्य में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. पिछले चुनाव में यूपी से बीजेपी के 62 सांसद चुने गए थे. तब बीएसपी, समाजवादी पार्टी और आरएलडी का गठबंधन था. बीजेपी की सीटें 2014 के चुनाव के मुक़ाबले में दस कम हो गई थीं. यूपी के मुरादाबाद मंडल में तो बीजेपी का खाता भी नहीं खुल पाया था. पार्टी लोकसभा की सभी छह सीटें हार गई. ये पूरा इलाक़ा मुसलमानों के दबदबे वाला है. यहां जाट वोटरों की भी अच्छी खासी आबादी है. इस बार बीजेपी की तैयारी इस इलाके में कमल खिलाने की है. पार्टी एक साथ जाट और मुसलमानों को अपना बनाने में जुटी है.

पूर्व पीएम और किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती 23 दिसंबर को है. जाट बिरादरी के लोगों का चौधरी साहेब से भावनात्मक लगाव रहा है. उनके पोते जयंत चौधरी अभी राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख हैं. वे इंडिया गठबंधन में हैं. आरएलडी इस चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. पिछले लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद मंडल की छह में से तीन सीटें समाजवादी पार्टी और तीन बीएसपी के खाते में गई थीं. इस बार बीजेपी की तैयारी चौधरी चरण सिंह के नाम पर जाटों का मन जीतने की है.

चौधरी चरण सिंह के नाम पर जाटों का मन जीतने की कोशिश

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 दिसंबर को मुरादाबाद पहुंच रहे हैं. इस दिन वे चौधरी चरण सिंह की 51 फीट की मूर्ति का उद्घाटन करेंगे. ये मूर्ति जाट महासभा ने बनवाई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी भी मुरादाबाद से आते हैं. वे भी जाट बिरादरी से हैं. इस कार्यक्रम में जाट महासभा ने जयंत चौधरी को भी बुलाया है. अगर वे आते हैं तो ये पहला मौका होगा जब योगी आदित्यनाथ और जयंत चौधरी मंच पर एक साथ होंगे. इस इलाके में गैर यादव पिछड़ों का वोट बीजेपी को मिलता रहा है. लेकिन जाट बिरादरी का वोट उस तरह से पार्टी को नहीं मिल पाता है. बीजेपी इस बार इस इलाके के मुस्लिम वोटरों पर भी होम वर्क कर रही है. ये काम बड़ा कठिन है. इसके बावजूद पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा मोदी सरकार के मुस्लिम लाभार्थियों को लुभाने में जुटा है.

अपना दल और निषाद पार्टी से बढ़ी बीजेपी की ताकत

विधायक बनने के बाद आजम खान ने रामपुर की लोकसभा सीट छोड़ दी थी. उप चुनाव में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को हरा दिया. ये नतीजा बीजेपी के लिए चौंकाने वाले थे. बाद में आज़म खान की विधानसभा की सदस्यता चली गई. फिर रामपुर में विधानसभा के उप चुनाव में बीजेपी के आकाश सक्सेना ने ये सीट भी जीत ली. मुसलमानों को अपनी तरफ करने के लिए बीजेपी ने इस इलाके में अपने सहयोगी दलों को लगा रखा है. अपना दल, निषाद पार्टी के नेता और ओम प्रकाश राजभर लगातार इस इलाके का दौरा कर रहे हैं. इसी रणनीति के तहत बीजेपी ने रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट अपना दल के लिए छोड़ दी. अपना दल ने ये सीट भी जीत ली. इस सीट पर आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म दो बार विधायक रह चुके थे. अब बीजेपी को लगता है अगले लोकसभा चुनाव में उसके लिए ‘अच्छे दिन’ आ सकते हैं.

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