खाने-पीने की कहानियां : वो लड्डू जो राम के चरणों पर चढ़ेगा, दवा से मिठाई तक

अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रसाद के तौर पर भोग लगाने के लिए तिरुपति बालाजी से 03 टन लड्डू मंदिर में भेजे जा रहे हैं.देश के कोने कोने से भारी मात्रा में लड्डू को तैयार करके अयोध्या भेजा जा रहा है तो कई जगहों पर भारी मात्रा में ये मिष्ठान तैयार कराकर लोगों में बांटने की तैयारी चल रही है.

धार्मिक आयोजन हो या खुशी का कोई मौका – सबसे पहले बात लड्डुओं की ही होती है. हम भारतीय अपना किसी भी सेलेब्रेशन का एजहार लड्डुओं के जरिए ही करते हैं. कहा जाता है कि लड्डू हमारी संस्कृति इतने भरपूर तरीके से रचा-बसा है कि हम सोच भी नहीं सकते. जब हमने अपनी सभ्यता की शुरुआत की होगी, शायद लड्डू भी तभी से है.

इतिहासकार और प्राचीन ग्रंथ कहते हैं एक जमाने में लड्डू का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता था. बाद में ये हमारी सबसे प्रिय मिठाई होती चली गई. अगर भारत को कोई राष्ट्रीय मिठाई चुननी हो तो सबसे तगड़ा दावेदार लड्डू ही होगा. हमारे हर पूजा रीतिरिवाजों, शुभकामों और त्योहारों अगर किसी मिठाई के बगैर कुछ पूरा नहीं माना जाता तो ये लड्डू है.

भारत में लड्डू उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक सामान्य रूप से फैला हुआ है. देशभर में लड्डू के आकार प्रकार में कई तरह के हैं. तिरुपति से लड्डू काफी बड़े होते हैं और रोज प्रसाद के लिए 5 लाख लड्डू बनाए जाते हैं. इस लड्डू वितरण के लिए वहां एक पूरा विशाल हाल है, जहां कई काउंटर्स पर ये मिलता है. और तो और खास आकार वाला और अलग तरह से बनाया जाने वाला लड्डू पेटेंट है. इस पर डाक टिकट तक निकल चुका है

 

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *