फ्रेश होने के लिए यात्री को करना पड़ा था दो घंटे इंतजार… अब रेलवे को देना होगा 40 हजार का मुआवजा

नॉर्थ दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (DCDRC) यानी उपभोक्ता अदालत ने नॉर्दर्न रेलवे को अपने एक यात्री को 40 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया, जिसने यात्रा के दौरान टॉयलेट गंदा मिलने से शारीरिक और मानसिक कष्ट की शिकायत की थी। रेलवे को ‘सेवा मे कमी’ का दोषी ठहराते हुए उपभोक्ता अदालत ने कहा कि टॉयलेट्स और पानी बुनियादी सुविधाएं हैं, जिन्हें देने से यात्रियों को मना नहीं किया जा सकता। कमीशन अध्यक्ष दिव्य ज्योति और सदस्य हरप्रीत कौर चार्य की बेंच ने नॉर्दर्न रेलवे को आदेश दिया कि वह शिकायतकर्ता मनन अग्रवाल को पहुंचाए गए शारीरिक और मानसिक कष्ट के लिए उन्हें 30 हजार मुआवजे के तौर पर और 10 हजार वाद खर्च के रूप में दे।

आदेश पर अमल के लिए 30 दिनों की समयावधि तय की और निर्देश दिया कि इसके बाद 7% फीसदी का ब्याज भी देना होगा, जो आदेश जारी होने की तारीख से लेकर उस पर अमल होने तक जोड़ा जाएगा। अदालत ने कहा कि सिटीजन्स चार्टर के मुताबिक टीटीई, कोच अटेंडेंट का दायित्व बनता है कि वो सुनिश्चित करें कि ट्रेन के टॉयलेट्स और वॉशबेसिन आदि साफ रहें। पेशे से वकील शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि 3 सितंबर 2021 में नई दिल्ली से इंदौर की रेल यात्रा के दौरान जब वह टॉयलेट गए तो उसके बहुत गंदे होने और पानी उपलब्ध न होने से उन्हें काफी शारीरिक और मानसिक कष्ट उठाना पड़ा। थर्ड एसी कोच का वॉश बेसिन तक गंदे पानी से चोक पड़ा था। फ्रेश होने के लिए दो घंटे का लंबा इंतजार करना पड़ा।

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