‘दोस्त जयशंकर ने कह दिया है अपने काम से काम रखें पश्चिमी देश…’, तेल की खरीद पर भारत से फिर गदगद हुआ रूस!

भारत का रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीदने का मुद्दा वैश्विक स्तर पर चर्चा में रहा है. इस पर समय-समय पर भारत सरकार की ओर से प्रतिक्रिया भी दी गई है. लेकिन अब रूस की तरफ से इस मामले पर बयान सामने आया है.

रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव (Sergey Lavrov) ने कहा मेरे दोस्त जयशंकर ने इसका बखूबी जवाब दिया है. रूस के सोच्चि में वर्ल्ड यूथ फोरम के दौरान लावरोव से पूछा गया था कि यूक्रेन युद्ध के बीच भारत आखिर क्यों रूस से तेल खरीद रहा है. इस पर लावरोव ने जयशंकर को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि रूस से कच्चा तेल खरदीना भारत के लिए राष्ट्रीय गरिमा की बात है.

लावरोव ने कहा कि मेरे दोस्त, विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में इस बारे में कहा था. उनसे पूछा गया था कि उन्होंने (भारत) रूस से इतना तेल खरीदना क्यों शुरू कर दिया है. इस पर जयशंकर ने उन्हें अपना काम करने की नसीहत दी थी और ये भी याद दिलाया था कि पश्चिमी देशों ने कितना तेल खरीदना शुरू किया है.

बता दें कि लावरोव का ये बयान यूरोप के देशों के उन बयान के बाद आया है, जिनमें रूस से तेल खरीदने के भारत के कदम की आलोचना की गई थी. यूरोपीय देशों ने कहा था कि भारत का रूस से तेल खरीदना मॉस्को पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों के लिए सही नहीं होगा.

भारत के रूस से तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया

फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से ही पश्चिमी देशों ने रूस को अलग-थलग कर दिया है और उस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं.

लेकिन इन प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीदना जारी रखा. इतना ही नहीं पश्चिमी देशों के बैन के बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीद बढ़ा दी. जनवरी 2023 तक रूस से भारत में तेल आयात बढ़कर 12.7 लाख बैरल रहा है. 2023 में रूस से भारत में तेल आयात दोगुना होकर प्रतिदिन की दर से 17.9 लाख बैरल रहा.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *