गूगल के AI जैमिनी प्लेटफॉर्म को लेकर सरकार सख्त, कहा- अविश्वसनीय को कानून छूट नहीं देता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफार्म जैमिनी की खामी पर सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. गूगल की ओर से स्पष्टीकरण देने के बाद आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को एक बार फिर टेक दिग्गज के लिए कहा है कि सुरक्षा और विश्वास प्लेटफार्म का कानूनी दायित्व है. अविश्वसनीय को कानून छूट नहीं देता है.

आईटी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने शुक्रवार को सोशल मीडिया एक्स पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि एआई जैमिनी पर लिखा हुआ वाक्य आईटी एक्ट के मध्यस्थ प्रावधानों के नियम 3(1)(ब) का सीधा उल्लंघन है और आपराधिक कानून के कई प्रावधानों का उल्लंघन है.

इसके बाद गूगल की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है कि हमने इस मुद्दे को हल करने के लिए तेजी से काम किया है. जैमिनी को रचनात्मकता और उत्पादकता उपकरण के रूप में बनाया गया है. यह हमेशा विश्वसनीय नहीं हो सकता. खासकर जब राजनीतिक या उभरती हुई मौजूदा घटनाओं के बारे में कुछ संकेतों का जवाब देने की बात आती है.

गूगल बोला- हम लगातार सुधार करने का काम कर रहे

गूगल की ओर से कहा गया कि हम लगातार सुधार करने की दिशा में काम कर रहे हैं. टेक दिग्गज के स्पष्टीकरण पर आईटी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने गूगल इंडिया के ध्यानार्थ एक्स पर दोहराया है कि हमारे डिजिटल नागरिकों को अविश्वसनीय प्लेटफार्म मॉडल के साथ प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.सुरक्षा और विश्वास प्लेटफार्म का कानूनी दायित्व है. क्षमा करें, अविश्वसनीय को कानून से छूट नहीं है.

सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इस मामले में वह कड़ा रुख अपनाएगी भले ही गूगल ने यह साफ कर दिया हो कि पीएम मोदी के मामले में एआई जैमिनी से प्रतिक्रिया पर आपत्ति के संबंध में सुधार के लिए तेजी से आगे आई है. याद रहे कि आईटी मंत्रालय इस मामले में गूगल इंडिया के खिलाफ कदम उठाने की तैयारी कर रही है.

पीएम के संबंध में आपत्तिजनक प्रतिक्रियाओं का आरोप

यह विवाद तब हुआ, जब ऐसी खबरें सामने आईं कि गूगल के जेनेरिक एआई प्लेटफॉर्म जैमिनी ने पीएम मोदी के संबंध में आपत्तिजनक प्रतिक्रियाएं दीं. जबकि अन्य देशों के प्रमुखों और नेताओं के बारे में जवाब सही थे. इसके चलते एआई जैमिनी की प्रतिक्रिया की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तीखी आलोचना हुई.

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