बदल रहा है गोरखपुर: ट्रैक का स्लीपर बदल बढ़ाएंगे लखनऊ तक ट्रेनों की रफ्तार, आवंटित हुए 30 करोड़ रुपये

गोरखपुर से लखनऊ जैसे प्रमुख रेल मार्ग पर ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे ने ऑटो ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम लगाने का काम शुरू किया है। इस सिस्टम के जरिए एक ही ट्रैक पर अलग-अलग ब्लॉक में ट्रेनों का संचालन होने लगेगा।पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख रूट लखनऊ-गोरखपुर-छपरा पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को चलाने के लिए पटरियों के नीचे बिछा स्लीपर बदला जाना है। इसके लिए अंतरिम बजट में 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे लखनऊ-गोरखपुर के बीच चल रहे कार्य में तेजी आएगी।

लखनऊ से बिहार की तरफ जाने वाली ट्रेनों के लिए लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रेल मार्ग सबसे सुगम व महत्वपूर्ण मार्ग है। इस रूट पर ट्रेनों की भीड़ को देखते हुए दोहरीकरण व तीसरी लाइन के अलावा ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का कार्य चल रहा है। इसके अलावा ट्रैक के नीचे के स्लीपर भी बदले जा रहे हैं।

55 किलो भार वर्ग की जगह 60 किलो भार वर्ग वाले स्लीपर लगाए जा रहे हैं। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी इस रूट पर अधिकतम 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं, जबकि स्लीपर बदलने के बाद इस पर 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। इससे एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, जिससे उनके संचालन समय में कमी आएगी।

ऑटो ब्लॉक सिग्नलिंग का काम भी होगा पूरा

इस प्रमुख रेल मार्ग पर ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे ने ऑटो ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम लगाने का काम शुरू किया है। इस सिस्टम के जरिए एक ही ट्रैक पर अलग-अलग ब्लॉक में ट्रेनों का संचालन होने लगेगा। यह सिस्टम लखनऊ-गोरखपुर-छपरा, छपरा-वाराणसी-प्रयागराज और गोंडा-बुढ़वल-सीतापुर ट्रैक पर लगना है। अभी लखनऊ-गोरखपुर खंड के बाराबंकी-बस्ती के बीच इसे लगाया जा रहा है। 31 मार्च का इस काम को पूरा करने का लक्ष्य है। बजट में इसके लिए भी धन मिला है।

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