मालदीव विवाद के बीच सरकारी वकील पर हमला, अज्ञात बदमाशों से चाकू मरवाने के पीछे कौन?
मालदीव की मीडिया रपटों के हवाले से ख़बर आई है कि देश के प्रॉसिक्यूटर जनरल हुसैन शमीम पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने दिन-दहाड़े हमला किया है. 2019 में पूर्व-राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने शमीम को नियुक्त किया था.
पूर्व-राष्ट्रपति मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) से हैं, जो पिछले नवंबर तक सरकार में थी और फिलहाल विपक्ष में है.
फिलहाल शमीम का इलाज चल रहा है. हमले से बचने की कोशिश में उनकी कलाई में भी चोट आई है. मालदीव पुलिस घटना की जांच कर रही है. पुलिस ने जानकारी दी है कि हमलावरों ने शमीम पर हमला तब किया, जब वो अपने सुरक्षा घेरे के पास नहीं थे.
मालदीव के राष्ट्रपति को अपनों ने ही घेरा, अब क्या कदम उठाएंगे?
इंडिया टुडे की गीता मोहन की रिपोर्ट के मुताबिक़, हाल के दिनों में कई गैंग्स ने देश के कई सांसदों-पदाधिकारियों को निशाना बनाया गया है. MDP के आरोप हैं कि शमीम पर हुआ हमला पूरी तरह से सुनियोजित था. अपने बयान में पार्टी ने कहा,
“इतने ऊंचे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर इस तरह का हमला पूरी व्यवस्था पर हमला है. ये एक ख़तरनाक संकेत है.”
पार्टी ने मुइज़्ज़ू सरकार की आलोचना की है कि उन्होंने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है. सितंबर 2023 में राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के सत्ता संभालने के बाद से मुल्क में हिंसा बढ़ गई है.
पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने भी हमले की निंदा की और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कहा. X पर उन्होंने लिखा है,
“मैं प्रॉसिक्यूटर जनरल हुसैन शमीम पर हुए हिंसक हमले की निंदा करता हूं. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. एक लोकतांत्रिक समाज में राजनीति से प्रेरित ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं. मैं सरकार से अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की अपील करता हूं.”
शमीम पर हमला ऐसे समय में हुआ है, जब देश राजनीतिक उठापटक में उलझा हुआ है. कुछ समय पहले ही मालदीव की संसद के अंदर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसमें सरकार के सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच झड़प हो रही थी. इसके बाद MDP ने भारत-विरोधी और चीन-समर्थक छवि के लिए राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने की ज़मीन तैयार की. विऑन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, MDP और देश के एक दूसरे विपक्षी दल डेमोक्रैट्स के पास अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त दस्तख़त हैं.
ऐसे विवाद के वक़्त में किसी भी पार्टी के सदस्य या क़रीबी पर हुए हमले का आरोप अगली पार्टी पर ही जाता है. बाक़ी मालदीव पुलिस की जांच में पता चलेगा.