GST RAID:लोटस वैली रिजार्ट में जीएसटी और इनकम टैक्स का छापा, ढाई करोड़ की मिली चोरी
मंगलवार की सुबह पहुंची टीम करीब 24 घंटे से यहां प्रपत्रों की जांच, बुकिंग, कर जमा समेत अन्य डिटेल की जांच कर रही है। इसी बीच इनकम टैक्स की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। आयकर सहायक निदेशक संजीव कुमार के निर्देशन में पहुंची टीम ने वहां मिले सात लाख रुपये का हिसाब देखा तो वो नहीं दिखा सके। बिना रिकार्ड के इस रकम को इनकम टैक्स ने अपने कब्जे में ले लिया।
गोरखपुर के लोटस वैली रिजार्ट में मंगवलवार की सुबह से सेवा एवं वस्तु कर( जीसटी) की तरफ कार्रवाई की जा रही है। कर चोरी की आशंका को देखते हुए टीम ने मंगलवार की सुबह ही परिसर पर छापा मारा। मंगलवार सुबह से बुधवार तक चले जांच में तकरीबन ढाई करोड़ रुपये की कर चोरी और उसपर जीएसटी शुल्क टीम ने तय किया है। प्रदेश में सीएम द्वारा चलाए जा रहे करअपवंचन अभियान के तहत मुख्यालय के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई थी।
हालांकि, ये आंकड़े प्रपत्रों की मिलान के बाद बढ़ या घट भी सकते हैं। बुधवार को इनकम टैक्स की टीम भी जांच के लिए मौके पर पहुंची। जांच में रिजार्ट के दफ्तर में सात लाख रुपये भी बरामद हुए। निदेशक की तरफ से इन रुपयों के कागज उपलब्ध नहीं करवाए गए। हालांकि, रिजार्ट परिसर के निदेशक का दावा है कि जीएसटी के अधिकारी गलत तरीके से परिसर पर आकर जांच कर रहे हैं।
नकहा स्थित लोटस वैली रिजार्ट पर जीएसटी टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार की सुबह पहुंची टीम करीब 24 घंटे से यहां प्रपत्रों की जांच, बुकिंग, कर जमा समेत अन्य डिटेल की जांच कर रही है। इसी बीच इनकम टैक्स की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।
आयकर सहायक निदेशक संजीव कुमार के निर्देशन में पहुंची टीम ने वहां मिले सात लाख रुपये का हिसाब देखा तो वो नहीं दिखा सके। बिना रिकार्ड के इस रकम को इनकम टैक्स ने अपने कब्जे में ले लिया। विभागीय सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों में रिजार्ट की तरफ से किए गए आयोजनों की पूरी डिटेल जांची गई है।
इसमें पिछले दो वर्षों की बुकिंग का रिकार्ड मिल गया है। इसमें रिजार्ट की बुकिंग पर 5 प्रतिशत और रिजार्ट के साथ कैटरिंग की बुकिंग पर 18 प्रतिशत कर कर चोरी मिली है। ऐसे में सिर्फ सीधा कर जोड़ा जाएगा तो इसपर ढ़ाई करोड़ रुपये का कर चोरी निर्धारित हुआ है। जीएसटी की तरफ से ये मिलान मंगलवार की देर रात तक कर लिया गया था।
ज्वाइंट कमिश्नर जोन प्रथम यूएन सिंह ने बताया कि पंचनामा तैयार करने के दौरान संचालक और अन्य जिम्मेदार मौके से चले गए। कई बार प्रयास किया गया, लेकिन इन्हें वापस नहीं बुलाया जा सका। इससे पंचनामे की कार्रवाई पुरी रात नहीं हो सकी। टीम रिजार्ट पर मौजूद रही। दरअल, आम तौर पर शाम होने के बाद कोई भी जांच बंद हो जाती है।
जांच अगले दिन सुबह फिर दोबारा शुरू होती है। लेकिन, इस मामले में जीएसटी टीम पूरी रात रिजार्ट पर ही डटी रही। टीम में शामिल अफसरों का कहना है कि डिपार्टमेंट को बड़ी टैक्स चोरी की शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर रेड की जा रही है। पंचनामे पर हस्ताक्षर नहीं होने से जांच अधूरी ही रह जाती।