स्पेस स्टेशन से कैसे जुड़ता है अंतरिक्ष यान? एस्ट्रोनॉट ने शेयर किया वीडियो, देखकर रोमांचित हुए लोग
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) अंतरिक्ष में मौजूद एक ऐसी जगह है, जहां से हम चांद-तारों की दुनिया को बेहद करीब से देख पाते हैं. यह एक चमत्कार की तरह है. धरती से करीब 400 किलोमीटर दूर मौजूद इसी स्टेशन पर अमेरिका हो या रूस, चीन हो या फिर यूरोपीय यूनियन, सबके अंतरिक्ष यात्री जाते हैं. महीनों रहकर रिसर्च करते हैं. इन्हें अंतरिक्ष यान से भेजा जाता है, लेकिन कभी आपने सोचा कि कोई अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से कैसे जुड़ता है? सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें आप ये देख सकते हैं ।
एस्ट्रोनॉट क्रिस हैडफील्ड (Chris Hadfield) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ये वीडियो शेयर किया. लिखा, अंतरिक्ष यान को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से जुड़ते हुए देखिए. रोमांचक पल. आप देख सकते हैं कि कैसे एक स्पेसक्रॉफ्ट आता है और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाकर फिट हो जाता है. अब तक इसे 1.92 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. लोग यह देखकर हैरान हैं. हवा में तो उन्होंने विमानों में ईंधन भरते हुए देखा है, लेकिन यह दृश्य बिल्कुल अनोखा है.
डॉकिंग और बर्थिंग मेथड से उतरता यान
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के मुताबिक, साइंस में इस प्रक्रिया को डॉकिंग और बर्थिंग (Docking and berthing) कहते हैं. डॉकिंग में कोई अंतरिक्ष यान एलाइन होता है और स्पेस स्टेशन से कनेक्ट करता है. यह कनेक्शन अस्थायी होता है. वीडियो में भी आप इसे देख सकते हैं. यह ठीक उसी तरह है, जैसे कोई विमान हवा में ईंधन भरता है तो वह एक पोर्ट से कनेक्ट होता है. लेकिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पांच डॉकिंग पोर्ट बनाए गए हैं, जो अत्याधुनिक आईडीएस ट्रांसमीटर से सुसज्जित हैं.
यह प्रक्रिया काफी धीमी
डॉकिंग और बर्थिंग सिर्फ किसी अंतरिक्ष यान के जुड़ने भर का मामला नहीं है. इसी के जरिये एस्ट्रोनॉट स्पेस स्टेशन पर उतारे जाते हैं. उनके लिए खाने पीने की जो चीजें जाती हैं, वो उतारी जाती हैं. यह प्रक्रिया काफी धीमी होती है, जिससे टकराव होने पर नुकसान कम से कम हो. स्पेस स्टेशन पर रूस का डॉकिंग प्वाइंट अलग है तो अमेरिका का अलग. रूसी डॉकिंग प्वाइंट को SSBP-G4000 के नाम से जाना जाता है. यह सोयुज और प्रोग्रेस जैसे अंतरिक्ष यान को डॉक करने यानी कनेक्ट करने की सुविधा देता है. 22 दिसंबर 2023 तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर चार अंतरिक्ष यान जुड़े थे. जनवरी में Axiom-3 चालक दल एक अन्य ड्रैगन अंतरिक्ष यान में पहुंचा है.