‘गुरु’ जसप्रीत बुमराह की याॅर्कर, शोएब अख्तर की रफ्तार… कंगारुओं के लिए काल, कौन हैं नमन तिवारी?

अपनी आक्रामक गेंदबाजी से अंडर 19 विश्व कप में सुर्खियां बंटोरने वाले बाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज नमन तिवारी ने कहा कि एनसीए में सीनियर गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से मिले टिप्स ने उन्हें एक बेहतर गेंदबाज बनाने में काफी मदद की है। लखनऊ के रहने वाले तिवारी ने टूर्नामेंट में आयरलैंड के खिलाफ चार विकेट लेकर भारत की जीत में सूत्रधार की भूमिका निभाई थी। इसके अलावा उनके शानदार यॉर्कर और रफ्तार भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को होने वाले फाइनल के लिए भारतीय टीम के अभ्यास सत्र से इतर उन्होंने कहा, ‘बुमराह तो हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनकी गेंदबाजी के वीडियो मैं बहुत देखता हूं। एनसीए में मुझे कई बार मिले हैं और उनसे गेंदबाज की मानसिकता और कौशल के बारे में काफी बात की है। उन्होंने बहुत कुछ समझाया है जो काम आ रहा है।’

नमन तिवारी करेंगे जसप्रीत बुमराह के यॉर्कर से कंगारुओं का शिकार

तिवारी ने कहा, ‘उन्होंने बताया कि सटीक यॉर्कर कैसे लगा सकते हैं जिस पर मैंने काफी काम किया। इसमें और आक्रामकता लाने के लिए मेहनत करनी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं हर गेंदबाज से कुछ न कुछ सीखता हूं। जिसका जो अच्छा लगता है , उसके वीडियो देखकर समझने और सीखने की कोशिश करता हूं। शोएब अख्तर की रफ्तार, डेल स्टेन की स्विंग और मिचेल स्टार्क की आक्रामकता बहुत अच्छी लगती है।’ अठारह बरस के तिवारी ने कहा कि वह असल में बल्लेबाज बनना चाहते थे लेकिन बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलने की वजह से उन्हें गेंदबाजी चुननी पड़ी।

पिता एलआईसी में अभिकर्ता हैं और देते थे पढ़ाई पर जोर

उन्होंने कहा, ‘बतौर बल्लेबाज ही मैने क्रिकेट खेलना शुरू किया था लेकिन मुझे बल्लेबाजी मिलती ही नहीं थी। इसलिए मैंने लखनऊ में अकादमी में गेंदबाजी शुरू की और बाएं हाथ से काम करता हूं तो बाएं हाथ का ही तेज गेंदबाज बना।’ तिवारी के पिता एलआईसी में अभिकर्ता हैं और आम मध्यमवर्गीय परिवार की तरह तीन बहनों के इस इकलौते भाई पर भी पढ़ाई पर फोकस करने का दबाव था लेकिन उसका दिल क्रिकेट में लगता था। उन्होंने कहा, ‘पापा हमेशा पढ़ने के लिए कहते रहते थे। मैं सातवीं में था और मेरा मन क्रिकेट में लगता था। दो जगह फोकस नहीं कर पाता था तो मैने पापा से तीन साल का समय मांगा ताकि अच्छा क्रिकेटर बनकर दिखा सकूं। आज मेरी सफलता से मेरा परिवार बहुत खुश है।’

अब पिता होते हैं खुश, दुनिया की सबसे तेज गेंद फेंकना सपना है

उन्होंने आगे कहा, ‘शाम होते ही पापा का फोन आता है और बहुत खुश होते हैं। उनको खुश देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता है कि मैंने उन्हें निराश नहीं किया।’ भारतीय क्रिकेट को कई प्रतिभावान तेज गेंदबाज देने वाले उत्तर प्रदेश के इस युवा खिलाड़ी का लक्ष्य दुनिया की सबसे तेज गेंद फेंकना है और इसके लिए वह हर तेज गेंदबाज से कुछ ना कुछ सीखते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं एक दिन दुनिया की सबसे तेज गेंद फेंकना चाहता हूं। इरादे तो सीनियर टीम के साथ विश्व कप खेलने के भी हैं लेकिन फिलहाल प्रदर्शन पर फोकस करना है। मैं अपने खेल में लगातार निखार लाना चाहता हूं क्योंकि आगे चुनौतियां और भी बड़ी आएंगी और उनका सामना करने के लिए अपना बेस तैयार करना होगा।’

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