Health tips: पानी पीते समय कभी ना करें ये गलतियां, सेहत के लिए हो सकती है हानिकारक

पानी को अमृत कहा जाता है, यह शरीर को हेल्दी और फिट रखने में मदद करता है। पानी बॉडी को हाइड्रेट करता है और एक सही तापमान बनाए रखने में मदद करता है।

आंख, नाक, मुंह, टिश्यू और अंगों में नमी बनाए रखने के लिए इस अमृत की जरूरत होती है। पानी की कमी से सेल्स को ऑक्सीजन और पोषण मिलना बंद हो सकता है।

पानी के इन सभी फायदों के बावजूद क्या पानी पीने से गले का कैंसर हो सकता है? जी हां ऐसा बिल्कुल हो सकता है, अगर आप गलत तरीके से पानी पीते हैं। पानी कैसे पीना चाहिए और इस दौरान कौन-सी गलती नहीं करनी चाहिए।

पानी पीते हुए ना करें गलती –

प्लास्टिक बोतल के पानी से कैंसर

प्लास्टिक बोतल में रखा पानी पीने से मना किया है। उनके मुताबिक, ताजा स्टडी में देखा है कि बोतल में रखे पानी में माइक्रोप्लास्टिक (microplastic)  का लेवल बहुत ज्यादा होता है।

ये प्लास्टिक का कचरा है, जो 5 एमएम से भी छोटा होता है। रिसर्च में 11 बोतलबंद पानी के ब्रांड के सैंपल की जांच की गई, जिसमें 93 प्रतिशत सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक (microplastic) मिली।

वैज्ञानिकों को स्टडी के 80 प्रतिशत लोगों के खून में भी माइक्रोप्लास्टिक (microplastic) पॉल्यूशन मिला। जो शरीर में घूमकर अंगों में इंफ्लामेशन व नुकसान पहुंचा सकता है और गले व अन्य कैंसर बना सकता है।

एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए?

चूंकि 20 से 35 साल के युवा सबसे ज्यादा ऊर्जा खपत करते हैं, इसलिए उन्हें पानी की जरूरत सबसे ज्यादा होती है. ऐसे युवाओं को 4.2 लीटर पानी की जरूरत एक दिन में पड़ सकती है. उम्र के साथ पानी की जरूरत भी कम होती जाती है.

अध्ययन में पाया गया 20 से 40 वर्ष की महिलाओं में पानी की खपत जहां 3.3 लीटर रोजाना थी, वहीं 90 वर्ष की आयु तक आते-आते 2.5 लीटर रह गई. इसलिए किसको कितना पानी की जरूरत है, इसमें खान-पान, रहन-सहन, भौगोलिक स्थिति, शारीरिक स्थिति आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

मिट्टी के घड़े में भरें उबला हुआ पानी –

हमारी डाइट का अधिकतर हिस्सा एसिड और टॉक्सिन बनाता है। मिट्टी अल्कलाइन होती है, जो एसिडिक फूड के साथ बैलेंस बनाकर पीएच लेवल को सही रखती है।

इसलिए मिट्टी के घड़े का पानी एसिडिटी और पेट की दिक्कतें दूर करता है। यह केमिकल फ्री होता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट (Metabolism Boost) करता है।

इन बर्तन से पी सकते हैं पानी –

चांदी का गिलास

पीतल का बर्तन

तांबे का गिलास (सीमित मात्रा में)

स्टील का साफ गिलास

जल्दबाजी में पानी न पियें

जल्दी-जल्दी पानी गटकने से हाइड्रेशन में मदद नहीं मिलती। जल्दबाजी में पानी पीने से इसकी सारी अशुद्धियां सीधा किडनी और ब्लैडर में पहुंचकर जम जाती हैं।

जब आप धीरे-धीरे आराम से पानी पीते हैं तो यह डायजेस्टिव सिस्टम (digestive system) को मजबूत बनाता है और मेटाबॉलिज्म सुधारता है।

खड़े होकर पानी न पियें

आयुर्वेद के अनुसार खड़े होकर पानी पीने से यह सीधा पेट के निचले हिस्से में जाता है, जिससे आपको पानी के पोषक तत्व नहीं मिल पाते। पानी पीने का सही तरीका बैठकर कमर सीधी करके पीना है।

इससे पेट और गट को सपोर्ट मिलता है और वो पानी के सारे पोषक तत्व सोख पाते हैं।

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