“हेमंत सोरेन ने मेरी बात मानी होती… तो आज जेल में नहीं होते”: JMM विधायक के बगावती तेवर

झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व में नयी सरकार का गठन भले हो गया हो, लेकिन संकट के बादल अभी तक छटे नहीं हैं. हेमंत सोरेन के जेल जाते ही पार्टी में बगावती सुर बुलंद होने लगे हैं. साहिबगंज में विधायक लोबिन हेंब्रम ने एक सभा के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा से अलग होने की बात कहकर चौंका दिया. उन्‍होंने यहां तक कह दिया कि हेमंत सोरेन की नीतियां ठीक नहीं थीं, अब वह उनकी बात मानते तो जेल की हवा नहीं खानी पड़ती.

लोबिन हेंब्रम ने एक सभा के दौरान कहा, “सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट एवं खतियान आधारित स्थानीय नीति झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनाव के मेनिफेस्टो में यह मुद्दा था. लेकिन अभी तक ये लागू नहीं किया. दूसरी ओर झारखंड के मूल निवासियों को कोई स्थान नहीं देकर बाहर के लोग यानी बिहार के लोगों के नेतृत्व में, जिसमें पंकज मिश्रा, अभिषेक कुमार, सुप्रिया भट्टाचार्य आदि शामिल हैं, उनके द्वारा सरकार चलाई जा रही है.”

साहिबगंज से विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा, “झारखंड हम लोगों को लड़ कर बहुत संघर्ष के बाद मिला है. यहां पर मुख्यमंत्री आदिवासी चाहिए था, लेकिन आदिवासी नाम मात्र का है… ये सभी का नेतृत्व करता बिहारी है. इस बात को लेकर मैंने कई बार विरोध किया था, लेकिन मेरी बात को हेमंत सोरेन अनसुनी करते आ रहे थे. अंत में आज उन्हें ईडी के द्वारा गिरफ्तार किया गया और चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया.”

झारखंड बचाओ मोर्चा के बैनर तले विधायक लोबिन हेंब्रम ने जमकर अपनी भड़ास मौजूदा सियासी हालात पर निकाली और अपनी ही पार्टी पर जमकर बरसे. हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब लोबिन हेंब्रम के ऐसे बगावती बोल सुनने को मिले हैं.

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