यहां वैज्ञानिकों को मिले 50 करोड़ साल पुराने विशालकाय कीड़े, जिसे कहते थे ‘आतंकवादी जानवर’

यहां वैज्ञानिकों को मिले 50 करोड़ साल पुराने विशालकाय कीड़े, जिसे कहते थे ‘आतंकवादी जानवर’

आज से लाखों-करोड़ों साल पहले दुनिया बिल्कुल अलग हुआ करती थी. तब धरती पर इतने बड़े-बड़े जीव-जंतु रहा करते थे, जिन्हें देख कर ही किसी की भी हालत खराब हो जाए. आपने किंग कॉन्ग मूवी तो देखी ही होगी, जिसमें कुछ लोग फिल्म बनाने के इरादे से एक ऐसे आइलैंड पर पहुंच जाते हैं, जहां विशालकाय जीव-जंतुओं का राज था. उस आइलैंड पर डायनासोर के साथ-साथ विशालकाय छिपकलियां और यहां तक कि कीड़े-मकोड़े भी इंसानों जितने और इंसानों से भी बड़े-बड़े थे. अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ही कीड़े की खोज की है, जो बेहद ही विशाल था. वैज्ञानिकों ने उसे ‘आतंकवादी जानवर’ नाम दिया है.

वैज्ञानिकों को ये ‘आतंकी जानवर’ ग्रीनलैंड में मिला है. यह 500 मिलियन यानी 50 करोड़ साल पुराना है, जो कि एक शिकारी कीड़ा था. साइंस एडवांसेज में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस कीड़े की लंबाई 30 सेमी से भी अधिक हुआ करती थी. इसके शरीर पर पंख थे, लंबे एंटीना के साथ एक बड़ा सा सिर था और इसके मुंह के अंदर भयानक जबड़े की संरचना थी. साथ ही वह तैराकी में भी निपुण था. वैज्ञानिकों का दावा है कि इन्हीं विशेषताओं की वजह से वह लगभग आधे अरब साल पहले यानी प्रारंभिक कैम्ब्रियन युग में धरती के सबसे बड़े शिकारियों में से एक था.

वैज्ञानिकों ने इसका नाम ‘टिमोरेबेस्टिया’ रखा है. यह एक लैटिन शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘आतंकवादी जानवर’. शोधकर्ताओं को टिमोरेबेस्टिया के जीवाश्म पाचन तंत्र के अंदर आइसोक्सिस नामक एक आर्थ्रोपॉड के अवशेष मिले हैं, जिससे पता चलता है कि वो कितने बड़े शिकारी थे. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये बड़े जीव 518 मिलियन साल से भी पहले पानी में रहने वाले कुछ शुरुआती मांसाहारी जानवरों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ल्यूक पैरी ने कहा, ‘टिमोरेबेस्टिया ‘एरो वॉर्म्स’ के विकास को समझने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण खोज है. आज ‘एरो वॉर्म्स’ के सिर के बाहर खतरनाक बाल होते हैं, जिसकी मदद से वो शिकार को पकड़ते हैं, जबकि टिमोरेबेस्टिया के सिर के अंदर जबड़े होते थे, जिससे वो शिकार करते थे’.

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