पेट की गैस से छुटकारा दिलाते हैं ये घरेलू उपाय : Home Remedies for Gas Problem
आजकल आहार और जीवनशैली में सामंजस्य न होने के कारण पेट की गैस की समस्या होना आम बात हो गई है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार जितने भी उदर रोग हैं वे सभी हमारे शरीर के त्रिदोष के कारण होते हैं अत वात, पित्त, कफ इन तीनों दोषों को शांत करने वाले उपचार करने चाहिए।
गैस क्या है ?
पेट से जुड़ी समस्याओं में पेट में वायु बनना या गैस बनना सबसे आम समस्या है, इसे पेट या आँतों की गैस और पेट फूलने के रूप में भी परिभाषित किया जाता है। जब खाना खाते हैं तब पाचनक्रिया के दौरान हाइड्रोजन, कार्बनडाइऑक्साइड और मिथेन गैस निकलता है जो गैस बनने या एसिडिटी होने का कारण होता है। वैसे तो आयुर्वेद के अनुसार पेट संबंधी सभी समस्याएं शरीर के त्रिदोष के कारण होते हैं अत: वात, पित्त, कफ इन तीनों क्रियाओं को शांत करने वाले उपचार (gas ki problem ka ilaj) करने चाहिए तथा इन रोगों में जौ, मूँग, दूध, आसव, मधु, इत्यादि का सेवन करना चाहिए। जठराग्नि की दुर्बलता से मल, वात आदि रोग हो जाते हैं तब इससे सारी व्याधिया उत्पन्न होती है मल की अधिकता के कारण जठराग्नि कमजोर होने लगती है। जब पाचन सही प्रकार से नहीं होता है तो उदर में बनने वाली अपान वायु तथा प्राण वायु बहार नहीं निकल पाती है।
पेट में गैस बनने के लक्षण
1.आम तौर पर पेट में गैस बनने का मूल लक्षण पेट में दर्द होता है। लेकिन इसके अलावा भी और भी लक्षण है जो एसिडिटी होने पर नजर आते हैं-
2.सुबह जब मल का वेग आता है तो वो साफ नहीं होता है और पेट फूला हुआ प्रतीत होता है।
3.पेट में ऐंठन और हल्के-हल्के दर्द का आभास होना।
4.चुभन के साथ दर्द होना तथा कभी-कभी उल्टी होना।
5.सिर में दर्द रहना भी इसका एक मुख्य लक्षण हैं।
6.पूरे दिन आलस्य जैसा महसूस होता है।
गैस बनने के कारण
आयुर्वेद में वात, पित्त एवं कफ इन तीन दोषों के असंतुलन से ही सारे रोग होते हैं तथा इनके सामान्य अवस्था में रहने से व्यक्ति रोगरहित रहता है। उदररोगों में उदरवायु सबसे आम समस्याओं में से एक देखी जाती है, यह वात के कारण होने वाला रोग है। अनुचित आहार-विहार के कारण वात प्रकुपित होकर अनेक रोगों को जन्म देता है तथा उदर में उदरवायु अथवा गैस की समस्या से व्यक्ति को जूझना पड़ता है। आयुर्वेद में वायु के पाँच प्रकार बताए गए हैं- प्राण, उदान, समान, व्यान एवं अपान वायु। उदर वायु समान एवं अपान वायु की विकृति से उत्पन्न होती है। लेकिन इसके पीछे बहुत सारे आम कारण होते हैं जिनके वजह से गैस होती है, चलिये इनके बारे में पता लगाते हैं।
1.अत्यधिक भोजन करना
2.बैक्टीरिया का पेट में ज्यादा उत्पादन होना
3.भोजन करते समय बातें करना और भोजन को ठीक तरह से चबाकर न खाना।
4.पेट में अम्ल का निर्माण होना।
5.किसी-किसी दूध के सेवन से भी गैस की समस्या हो सकती है।
6.अधिक शराब पीना
7.मानसिक चिंता या स्ट्रेस
8.एसिडिटी, बदहजमी, विषाक्त खाना खाने से, कब्ज और 9.कुछ विशेष दवाओं के सेवन
10.मिठास और सॉरबिटोल युक्त पदार्थों के अधिक सेवन से गैस बनता है।
11.सुबह नाश्ता न करना या लम्बे समय तक खाली पेट रहना।
12.जंक फूड या तली-भुनी चीजें खाना।
13.बासी भोजन करना।
14.अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल न करना।
15.बीन्स, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल का अधिक सेवन करना।
कुछ खाद्य पदार्थों से कुछ लोगों को गैस बन जाता है जबकि कुछ लोगों को उससे कोई गैस नहीं बनता है जैसे; सेम, गोभी, प्याज, नाशपाती, सेब, आडू, दूध और दूध उत्पादों से अधिकांश लोगों को गैस बनती है।
खाद्य पदार्थ जिनमें वसा या प्रोटीन के बजाय कार्बोहाइड्रेट का प्रतिशत ज्यादा होता है, के खाने से ज्यादा गैस बनती है।
भोजन में खाद्य समूह में कटौती की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि आप अपने आप को आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित भी नहीं रख सकते हैं, अक्सर, जैसे ही एक व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, कुछ एंजाइमों का उत्पादन कम होने लगता है और कुछ खाद्य पदार्थों से अधिक गैस भी बनने लगती है।
यहां तक कि स्तनपान करने वाले शिशुओं में उदरवायु यानि पेट में दर्द होने की समस्या अक्सर देखी जाती है। उचित प्रकार से स्तनपान न कराने या माता द्वारा वात बढ़ाने वाले आहार लेने से ऐसी समस्या हो जाती है। वहीं भोजन ग्रहण करने वाले बच्चों में वातवर्धक आहार, फास्ट फूड, जंक फूड इन सब के सेवन से उदरवायु की समस्या देखी जाती है ।