इसराइल हमास युद्ध: ग़ज़ा में ये फ़लस्तीनी टीचर बच्चों की पढ़ाई कैसे करा रहे हैं?

दक्षिणी ग़ज़ा पट्टी की रफ़ाह सिटी में एक अस्थाई क्लासरूम की खिड़कियों पर सूखने के लिए कपड़े टंगे हैं.कमरे में दर्जन भर कुर्सियों के सामने लकड़ी का एक बोर्ड रखा हुआ है जिसमें अंग्रेज़ी में लिखा है, ‘क्या आपको फ़लस्तीन से मोहब्बत है?’

अक्टूबर में जब से ग़ज़ा में युद्ध शुरू हुआ, शिक्षा तंत्र पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है.

फ़लस्तीनी शिक्षक तारिक अल-एन्नबी ने स्वेच्छा से इस छोटी जगह में पढ़ाना तय किया ताकि बुरे हालात के बावजूद बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो.तारिक की ये पहल उस जगह हो रही है, जहां हज़ारों की संख्या में बच्चे इसराइल के हमले में मारे गए हैं. यानी जहां बच्चे ज़िंदा नहीं बच पा रहे हैं, वहां तारिक बच्चों की पढ़ाई बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जबसे इसराइल ने ग़ज़ा में ज़मीनी अभियान शुरू किया है, 6.25 लाख फ़लस्तीनी स्टूडेंट्स पढ़ाई लिखाई से महरूम हो गए हैं.

ग़ज़ा के शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि बीते दो महीने की जंग में शिक्षा से जुड़े 203 कर्मचारी और 3,477 स्टूडेंट मारे जा चुके हैं. लेकिन इस छोटे से ही सही अस्थाई क्लासरूम में ऐसा लगता है कि बाहर जो कुछ हो रहा है उससे बच्चों को राहत मिल रही है.

वे खुश हैं, सवालों का जवाब देने के लिए वे उत्साहपूर्वक हाथ उठाते हैं, प्रतियोगिता करते हैं, एक दूसरे से मिलते जुलते हैं और शिक्षक से अपनी खिलखिलाहट को छुपाने की कोशिश करते हैं, जैसे कि वे अपने नियमित स्कूली दिनों में करते थे.

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