RBI ने कितने रूपये का छापा था पहला नोट, जानिए किसकी लगाई थी तस्वीर
रंग-बिरंगी भारतीय करेंसी का जारी करने का अधिकार देश के रिजर्व बैंक के पास है. उसके द्वारा जारी नोट ही मान्य होते हैं. पिछले कुछ वर्षों में भारतीय करेंसी के रंगों और डिजाइन में काफी बदलाव हुआ है.
भारत में नकदी लेन-देन ही प्रमुखता से होता आया है. हालांकि, फिलहाल डिजिटल पेमेंट की तरफ लोग धीर-धीरे आकर्षित होने लगे हैं. मगर फिर देश का एक बड़ा तबका ऐसा है.
जो अभी भी कैश में ही लेनदेन करना पसंद करता है. हम सभी हर दिन नोटों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या ये पता है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली नोट कितने रुपये की छापी थी. आइए जान लेते हैं.
देश में मौजूदा समय में 2000, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और 1 रुपये के नोट चलन में हैं. एक हजार के नोट 2016 में हुई नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो गए थे.
नोट छापने का नियम
रिजर्व बैंक साल 1956 से करेंसी नोट छापने के लिए ‘मिनिमम रिजर्व सिस्टम’ के तहत करेंसी की छपाई करता है. इस नियम के मुताबिक, करेंसी नोट प्रिंटिंग के विरुद्ध न्यूनतम 200 करोड़ रुपये का रिजर्व हमेशा रखना जरूरी है. इसके बाद ही रिजर्व बैंक करेंसी नोट प्रिंट कर सकता है.
पहली नोट कितने रुपये की
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी. मतलब आजादी से पहले देश में रिजर्व बैंक की नींव पड़ चुकी थी. अपनी स्थापना के तीन साल बाद साल 1938 की जनवरी में आरबीआई ने पहली बार 5 रुपये का करेंसी नोट जारी किया था.
इस नोट पर ‘किंग जॉर्ज VI’ की तस्वीर प्रिंट हुई थी. मतलब आजादी से 9 साल पहले रिजर्व बैंक ने अपनी पहली करेंसी जारी की थी. इसके बाद 10 रुपये के नोट, मार्च में 100 रुपये के नोट और जून में 1,000 रुपये और 10,000 रुपये के करेंसी नोट जारी किए थे.
आजादी के बाद का पहला भारतीय रुपया
आजाद भारत का पहला करेंसी नोट 1 रुपया रिजर्व बैंक द्वारा साल 1949 में जारी किया गया था. साल 1947 तक रिजर्व बैंक द्वारा जारी नोटों पर ब्रिटिश किंग जॉर्ज की तस्वीर छपती थी. रिजर्व बैंक ने पहली बार साल 1969 में स्मरण के तौर पर गांधी जी की तस्वीर वाले 100 रुपये के नोट जारी किए थे.
भारतीय मुद्रा का नाम भारतीय रुपया (INR) है. 100 पैसे का एक भारतीय रुपया होता है. भारतीय रुपये का प्रतीक ‘₹’ है. ये डिजाइन देवनागरी अक्षर (र) से प्रेरित है. इससे पहले हम रुपया के प्रीतक के तौर पर रु. लिखा करते थे.