अमेरिका में हिंदुओं को कैसे टारगेट कर रहे खालिस्तानी… US में रहने वाले भारतीयों ने FBI-पुलिस को बताया

अमेरिकी सरजमीं का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. इसे लेकर भारतीय-अमेरिकियों ने चिंता जताई है. भारतीय-अमेरिकियों ने जस्टिस डिपार्टमेंट, एफबीआई और पुलिस के साथ एक मीटिंग की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि अमेरिका की धरती से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है.

इस मीटिंग में मौजूद कई भारतीय-अमेरिकियों ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि अमेरिका में जांच एजेंसियां भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

दरअसल, हाल ही में अमेरिका में हिंदू और जैन मंदिरों पर हमले बढ़ गए हैं. इसे लेकर ही भारतीय समुदाय के नेता अजय जैन भूटोरिया ने बैठक आयोजित की थी. इसमें दो दर्जन से ज्यादा प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों ने हिस्सा लिया था.इस मीटिंग में डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस से विंसेंट प्लायर और हरप्रीत सिंह के साथ-साथ एफबीआई और पुलिस के कई आला अधिकारी मौजूद थे.

इस बैठक के बाद भारतीय-अमेरिकियों ने कहा कि मंदिरों पर अचानक हमले बढ़ गए हैं, जिस कारण यहां रहे भारतीय और भारतवंशी डर में हैं. उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थक स्कूलों और भारतीयों की दुकानों के बाहर ट्रक खड़ा कर डराने की कोशिश करते हैं.

मीटिंग के दौरान भारतीय-अमेरिकियों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि एफबीआई और पुलिस जैसी एजेंसियां ऐसे लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रही है. इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास को जलाने की कोशिश की थी और राजनयिकों को खुलेआम धमकी दी थी.

उन्होंने बताया कि मीटिंग के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अमेरिका में खालिस्तान आंदोलन के बारे में जानकारी नहीं है. एफबीआई और पुलिस अधिकारियों ने ये भी कहा कि संसाधनों और फंड की कमी के कारण वो एक्शन नहीं ले पा रहे हैं.

अजय जैन भूटोरिया ने बताया कि कई महिनों से मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं, तोड़फोड़ की जा रही है और दीवारों पर नफरती बातें लिखी जा रहीं हैं.

सिख नेता सुक्खी चहल ने बताया कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के खालिस्तानी समर्थक मंदिरों, स्कूलों और दुकानों को टारगेट कर रहे हैं. सिख फॉर जस्टिस वही संगठन है, जिसकी स्थापना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने की थी.

उन्होंने पन्नू की ओर से बार-बार जारी किए जा रहे भड़काऊ और धमकी भरे भाषणों के खिलाफ एक्शन की भी मांग की, जो सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश करते हैं.

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