अंतर‍िक्ष में ऑक्‍सीजन नहीं, तो सूर्य इतनी तेजी से जलता कैसे है? NASA ने बताया

हम अक्‍सर सुनते आए हैं क‍ि आग जलने के ल‍िए ऑक्‍सीजन की जरूरत होती है. लेकिन वैज्ञान‍िक प्रमाण ये बताते हैं क‍ि स्‍पेस में कोई ऑक्‍सीजन नहीं. यही वजह है कि वहां कोई जीवन नजर नहीं आता.

अगर ऑक्‍सीजन होता तो वहां भी धरती की तरह जीवन होता. ऐसे में सवाल उठता है कि जब स्‍पेस में कोई ऑक्‍सीजन नहीं, तो सूर्य इतनी तेजी से जलता कैसे है. अमेर‍िकी अंतर‍िक्ष एजेंसी नासा ने इस सवाल का जवाब दिया है.

नासा के मुताबिक, सूर्य जलता नहीं है, जैसा कि हम आग में लकड़ियों या कागज जलाने के बारे में सोचते हैं. सूर्य चमकता है क्योंकि यह गैस का एक बहुत बड़ा गोला है. इसके मूल में परमाणु संलयन नामक प्रक्रिया हो रही है. परमाणु संलयन तब होता है जब एक प्रोटॉन दूसरे प्रोटॉन से इतनी जोर से टकराता है कि वे आपस में चिपक जाते हैं…और कुछ ऊर्जा भी छोड़ते हैं.

इस तरह बनता प्रकाश

यह ऊर्जा फिर आसपास की अन्य सामग्रियों जैसे अन्य प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों आदि को गर्म कर देती है. यह तापमान काफी ज्‍यादा होता है और तारे के केंद्र या कोर से बाहर की ओर जाता प्रतीत होता है. एक वक्‍त ऐसा भी आता है कि यह तारे के सतह को छोड़ देता है और अंतरिक्ष में फैल जाता है. यहीं पर यह तापमान ऊष्मा और प्रकाश में बदल जाता है. हम सब जानते हैं क‍ि सूर्य जैसे तारे प्रकाश और ऊर्जा उत्‍सर्जित करते हैं.

हाइड्रोजन जलने की बात गलत

साइंटिस्‍ट कभी-कभी कहते हैं कि सूर्य चमकने के लिए हाइड्रोजन जलाता है, लेकिन यह पूरी तरह सत्‍य नहीं है. वास्तव में हाइड्रोजन जलती ही नहीं है, तो वह सूर्य को चमकने के ल‍िए कैसे जलेगी. दरअसल, हाइड्रोजन विलीन होकर हीलियम में बदल जाती है. इसल‍िए ऑक्‍सीजन की जरूरत ही नहीं होती.

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