जामा मस्जिद की सीढ़ियों में विग्रह दबे होने का मामला, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में विग्रह दबे होने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई।

उत्तर प्रदेश के आगरा में कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर बनाम जामा मसजिद मामले में बुधवार को लघुवाद न्यायालय ने सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर निर्णय सुनाया। जामा मसजिद और इंतजामिया कमेटी पक्ष की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 2 फरवरी नियत की है।

कथा वाचक ठाकुर देवकी नंदन के नेतृत्व में श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज पांडेय, सचिव पीयूष गर्ग, कोषाध्यक्ष कृष्ण शर्मा की ओर से संयुक्त रूप से 6 महीने पहले वाद लघुवाद न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया था। इसमें शाही जामा मसजिद की सीढि़यों में केशवदेव के विग्रह दबे होने का दावा किया गया। उनकी निकासी की मांग की थी। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ, इंतजामिया शाही जामा मसजिद को प्रतिवादी बनाया गया।

मामले में जामा मसजिद और इंतजामिया कमेटी की ओर से न्यायालय में दो अलग-अलग याचिका प्रस्तुत की गईं। इसमें आपत्ति जताई कि न्यायालय को संबंधित मुकदमा सुनने को लेकर क्षेत्राधिकार नहीं है। वादी पक्ष के अधिवक्ता विनोद कुमार शुक्ला ने जामा मसजिद के भौतिक निरीक्षक के लिए अमीन की नियुक्ति करने को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।

अधिवक्ता विनोद कुमार शुक्ला के मुताबिक, विपक्षी पक्ष की ओर से दी गई क्षेत्राधिकार संबंधी याचिका खारिज हो गई है। अब 2 फरवरी को सुनवाई होगी। अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय के समक्ष पुरातत्व विभाग को पक्षकार बनाने और सीढि़यों के नीचे केशवदेव के विग्रह सर्वे कराने के लिए दिए प्रार्थना पत्रों की सुनवाई होगी।

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