IND vs ENG: धुरंधर नाम गायब, हार के बाद खूब हुई आलोचना, फिर कप्तान रोहित शर्मा ने कैसे लिखी जीत की कहानी?
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले विराट कोहली ने नाम वापस ले लिया था। हैदराबाद में हुए पहले टेस्ट की पहली पारी में भारत के पास 190 रनों की बढ़त थी। वहां से इंग्लैंड ने मुकाबला जीत लिया। इसके बाद रोहित शर्मा की कप्तानी की खूब आलोचना हुई। पहले मैच खत्म होते-होते रविंद्र जडेजा और केएल राहुल भी चोटिल हो गए। दूसरे मैच के लिए चुनी गई टीम इंडिया के बल्लेबाजों के कुल रन उतने नहीं थे, जितने सिर्फ जो रूट ने बनाए थे।
शतक लगाकर रखी नींव
भारतीय टीम को अपनी टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी जीत मिल गई है। इसकी नींव रोहित शर्मा ने अपने बल्ले से रखी थी। राजकोट टेस्ट के पहले दिन 33 रन पर भारत के तीन विकेट गिर गए थे। बल्लेबाजी लाइनअप में अनुभव की थी। वहां से रोहित ने शतक लगाया। इसके साथ ही उन्होंने 5वें नंबर पर सरफराज की जगह रविंद्र जडेजा को उतारा। इस फैसले ने भी बड़ा अंतर पैदा किया। सीरीज के पहले दो मैच में रोहित का बल्ला भी शांत रहा था। लेकिन राजकोट में पुराने रोहित शर्मा देखने को मिला।
बॉलिंग चेंज में बोल्ड फैसले
रोहित शर्मा ने कप्तानी में भी कई बोल्ड फैसले लिए। अश्विन टीम के प्रमुख स्पिनर हैं। लेकिन दूसरे टेस्ट की पहली पारी में जब इंग्लैंड ने काउंटर अटैक शुरू किया तो पहले कुलदीप को बॉलिंग पर लेकर आए। उन्होंने आते ही सफलता दिला दी। इसके साथ ही तीसरे टेस्ट से पहले रविंद्र जडेजा फिट हो गए थे। ऐसे में कुलदीप के बाहर होने की बात होने लगी। लेकिन रोहित ने रन बनाने वाले अक्षर पटेल को बाहर किया। वह 5 प्रॉपर गेंदबाज के साथ उतरे।
डकेट की रडार से दूर बॉलिंग
राजकोट टेस्ट के दूसरे दिन बेन डकेट ने भारतीय गेंदबाजों को खूब कूटा। तीसरे दिन भी ऐसी उम्मीद की जा रही थी। लेकिन अश्विन के बिना उतरे रोहित शर्मा की प्लानिंग अलग ही थी। कुलदीप से उन्होंने लगातार 12 ओवर डलवाए। गेंद डकेट की रडार से दूर रखा गया। वह बाहर की गेंद को स्वीप या रिवर्स स्वीप नहीं कर पा रहे थे। अंत में बाहर की गेंद पर ही डकेट ने अपना विकेट दे दिया। उस विकेट के बाद इंग्लैंड की टीम मैच में कहीं नहीं दिखी।