‘भारत बहुत भरोसे के साथ कश्मीर मुद्दे को UN में ले गया था लेकिन…’, बहुपक्षवाद पर विदेश मंत्री ने सुनाई खरी-खरी

इस साल सैलरी इंक्रीमेंट के मामले में कर्मचारियों को मायूसी का सामना करना पड़ सकता है. एयॉन पीएलसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल वेतन बढ़ोतरी पिछले साल से कुछ कम रहेगी. सर्वे के मुताबिक भारत में इस साल कर्मचारियों के वेतन में साढ़े 9 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है.

ये 2023 में हुए 9.7 परसेंट इंक्रीमेंट के मुकाबले मामूली कमी है.

टॉप परफॉर्मर्स को मिलेगा ज़्यादा इंक्रीमेंट
लेकिन टॉप परफॉर्मर्स को दूसरे कर्मचारियों के मुकाबले 1.74 गुना ज्यादा इंक्रीमेंट मिलने का दावा किया गया है. वैसे वेतन बढ़ोतरी के औसत में कमी आने के बावजूद महंगाई घटने की वजह से कर्मचारियों की जेब में इस बार ज्यादा सैलरी आने का अनुमान है. सर्वे के मुताबिक महंगाई माइनस करने के बाद कर्मचारियों को इस साल 4.9 फीसदी ज्यादा इंक्रीमेंट मिलेगा जो 2023 के 4.2 परसेंट के मुकाबले कहीं ज्यादा है.

कोविड के बाद से सुस्त इंक्रीमेंट
सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 के बाद से सालाना इंक्रीमेंट सिंगल डिजिट के औसत से आगे बढ़ने में कामयाब नहीं हो पा रहा है. इंक्रीमेंट के लिहाज से वित्तीय संस्थानों, इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव और लाइफ साइंसेज में सबसे ज्यादा वेतन बढ़ोतरी की संभावना है. जबकि रिटेल, टेक्नोलॉजी, एडवाइजरी और सर्विसेज सेक्टर में सबसे कम वेतन बढ़ोतरी का अनुमान है.

कुछ सेक्टर में होगा तगड़ा इंक्रीमेंट
सर्वे के मुताबिक NBFCs में 11.1 फीसदी की औसतन वेतन बढ़ोतरी इस साल कर्मचारियों को मिल सकती है, मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में 10.1 परसेंट, लाइफ साइंसेज और वित्तीय संस्थानों में 9.9 प्रतिशत, ग्लोबल कैपिटल सेंटर्स में 9.8 परसेंट, ई-कॉमर्स में 9.2 फीसदी और IT सर्विसेज में 8.2 परसेंट इंक्रीमेंट की संभावना है.

भारत में सबसे ज़्यादा इंक्रीमेंट
सर्वे में करीब 45 उद्योगों की 1,414 कंपनियों के आंकड़ों का एनालिसिस किया गया है. इसके मुताबिक भू-राजनीतिक तनाव के बीच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा सैलरी इंक्रीमेंट भारत में हो रहा है. इसके बाद बांग्लादेश में 7.3 फीसदी, और इंडोनेशिया में साढ़े 6 परसेंट औसतन वेतन बढ़ोतरी हुई है.

ग्लोबल सुस्ती का असर जारी
हालांकि ग्लोबल सुस्ती का कुछ सेक्टर्स पर असर हुआ है और इससे परेशान कंपनियां अब छंटनी भी कर रही हैं. क्षमता में सुधार और उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही संसाधनों का सही इस्तेमाल करने पर कंपनियों का फोकस बढ़ा है.

नौकरी छोड़ने की दर घटी
सर्वे में दावा किया गया है कि नौकरी छोड़ने की दर 2022 के 21.4 फीसदी से गिरकर 2023 में 18.7 परसेंट हो गई है. आगे चलकर नौकरियों और वेतन बढ़ोतरी पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का असर भी साफ दिखाई देने का अनुमान इस सर्वे में किया गया है. इसमें भारत को नई तकनीक के मामले में सबसे आगे रहने का दावा किया गया है.

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