भारत के कच्चे तेल आयात की कीमतों में 16 प्रतिशत की कमी, जानिए क्या हैं आंकड़े
घरेलू उत्पादन कम कर आयात पर बढ़ी निर्भरता
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत ने घरेलू स्तर पर इस वित्तीय वर्ष में कच्चे तेल का कम उत्पादन किया और आयात पर निर्भरता बढ़ाई। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष में भारत में 2 करोड़ 94 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। वहीं अपनी जरूरत का 87.7 फीसदी कच्चा तेल आयात किया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के 87.4 प्रतिशत से ज्यादा है। भारत ने कच्चे तेल के अलावा 23 अरब डॉलर पेट्रोलियम उत्पादों जैसे एलपीजी आदि के आयात पर खर्च किए। भारत ने 47.4 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात भी किए। कच्चे तेल के अलावा भारत एलएनजी गैस का भी आयात करता है।
एलएनजी का भी आयात करता है भारत
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 30.91 अरब क्यूबिक मीटर गैस का आयात किया, जिसकी कीमत 13.3 अरब डॉलर रही। वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत ने 26 अरब क्यूबिक मीटर गैस का आयात किया था, जिसकी कीमत 17 अरब डॉलर थी। रूस के यूक्रेन पर हमले के कारण ऊर्जा कीमतें बढ़ी हैं, जिसका भार भारत पर भी पड़ा है। इस तरह वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और एलएनजी के आयात पर कुल 121 अरब डॉलर खर्च किए, जो पहले के 144 अरब डॉलर की तुलना में कम है। भारत के कुल आयात में पेट्रोलियम का आयात 25 प्रतिशत है, जो कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के 28 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा कम हुआ है। भारत के कुल निर्यात में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 12 प्रतिशत है। पिछले वित्तीय वर्ष के 14 प्रतिशत की तुलना में इसमें भी कमी आई है।