IPO से पहले ही रॉकेट बने स्विगी के शेयर, 2 महीनों में कराई मोटी कमाई, आखिर कहां चल रही ट्रेडिंग?

आजकल हर शेयर बाजार निवेशक की जुबान पर स्विगी का ही नाम है. दरअसल, ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी प्लेटफार्म स्विगी का आईपीओ आने वाला है. इसके लिए कंपनी ने हाल ही सेबी के पास अपने डाक्यूमेंट्स जमा कराए हैं. बेंगलुरु की इस फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफार्म ने सेबी से आईपीओ के लिए मंजूरी मिल गई है, और इससे उसके शेयरों की डिमांग काफी बढ़ गई है. आईपीओ आने से पहले ही कंपनी के शेयर में पिछले 2 महीने में 40 फीसदी की तेजी आई है. अब आप सोच रहे होंगे कि स्विगी का तो अभी तक आईपीओ भी नहीं आया, तो इसके शेयर कैसे चढ़ गए? तो आइए बताते हैं कहां इसकी ट्रेडिंग चल रही है…
कहां हो रही है ट्रेडिंग?
अनलिस्टेड मार्केट में स्विगी के शेयर ट्रेड हो रहे हैं और लोग इसमें खरीद बेच भी कर रहे हैं. अप्रैल में आईपीओ के लिए शेयरधारकों की मंजूरी के बाद अनलिस्टेड मार्केट में स्विगी के शेयरों की भारी डिमांड देखी गई. शेयरों की कीमतों में तगड़ा उछाल आया है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई से सितंबर तक कंपनी के शेयर लगभग 40% बढ़ गए हैं. पहले इसके शेयर करीब 355 रुपये पर थे, मगर बढ़कर लगभग 490 रुपये तक पहुंच गए हैं. जिसके चलते स्विगी की मार्केट वैल्यू केवल दो महीनों में 70,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.
अनलिस्टेड मार्केट में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) जैसे शेयरों के होने के बावजूद स्विगी के शेयरों ने अपनी मजबूत स्थिति का प्रदर्शन किया है. निवेशक इसके लिस्ट होने से पहले ही इसे खरीद लेना चाहते हैं.
IPO से क्या करना चाहती है कंपनी?
स्विगी आईपीओ के जरिए करीब 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें से 3,750 करोड़ रुपये की नई इक्विटी सेल और 6,664 करोड़ रुपये की ऑफर-फॉर-सेल (OFS) शामिल है. स्विगी के शेयरों की बढ़ती मांग का श्रेय कंपनी के शानदार प्रदर्शन को दिया जा सकता है. वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी का ऑपरेटिंग राजस्व 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये हो गया और शुद्ध नुकसान 44% घटकर 2,350 करोड़ रुपये हो गया.

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