क्या आपका बच्चा बोल नहीं पाता है? बच्चे की परवरिश करते समय कई पेरेंट्स करते हैं ये गलतियां

क्या आपका बच्चा बोल नहीं पाता है? बच्चे की परवरिश करते समय कई पेरेंट्स करते हैं ये गलतियां

पेरेंट्स अपने बच्चे के मुंह से पहला शब्द सुनने के लिए हमेशा बेहद उत्साहित रहते हैं। बच्चे के मुंह से निकला पहला शब्द मां-पापा हमेशा उनकी खूबसूरत यादों का हिस्सा बन रहता है। आमतौर पर सभी बच्चों के बात करने का कोई एक निश्चित समय तय नहीं होता है। कोई बच्चा जल्दी बात करने लगता है तो कोई देर से बोलना शुरू करता है। लेकिन ज्यादातर बच्चे 2 साल की उम्र तक बोलना शुरू कर देते हैं। लेकिन 2 साल की उम्र के बाद भी अगर आपका बच्चा बोलता नहीं है तो हो सकता है आप अपने बच्चे की परवरिश करते समय पेरेंटिंग से जुड़ी कुछ गलतियां कर रहे हैं। पेरेंटिंग से जुड़ी ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बता रहे हैं पीडियाट्रिशियन अर्पित गुप्ता। डॉक्टर अर्पित गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके पेरेंट्स को बताया है कि अगर उनका बच्चा बोलता नहीं है तो उन्हें क्या गलतियां करने से बचना चाहिए।

इन गलतियों को करने से बचें पेरेंट्स-

ज्यादातर पेरेंट्स अपने बच्चों के बोलने की शुरुआत ए, बी, सी जैसे अल्फाबेट्स सिखाकर करने लगते हैं। ऐसा ना करें। अगर आपका बच्चा बोलता नहीं है तो उसे सबसे पहले गिनती,अल्फाबेट्स, आकार और रंगों के नाम सिखाने की जगह उन्हें फूड्स नेम, मां- पापा जैसे रिश्तों के नाम, एक्शन नेम( खाना, पीना, घूमना), बॉडी पार्ट (आंख, नाक) सिखाएं। ये शब्द बोलना सीखने पर बच्चा खुद को अच्छी तरह अभिव्यक्त कर पाएगा। उदाहरण के लिए बच्चा अगर आपको कॉल करना चाहता है,अगर उसे भूख लगी है या फिर वो दर्द में हैं या फिर उसे किसी चीज की जरूरत है तो वो अपनी बात आपको अच्छी तरह समझा सकता है।

बच्चों को पहले सिखाएं ये शब्द-

1- जानवरों की ध्वनियां- मूं, बाबा, बो, वाह, आदि

2- परिवार के सदस्यों और उनके संबंधों के नाम- अम्मा, पापा, दादा,भाई आदि

3- भोजन के नाम- चपाती, पूरी, डोसा, इडली, चावल आदि

4- एक्शन नेम- खाना, पीना, नहाना आदि

5. खिलौने – कार, गेंद, ब्लॉक, ड्रम आदि

6- शरीर के अंग- आंखें, नाक, कान, मुंह, पैर, हाथ, घुटने आदि।

7-रोज की जरूरत वाली चीजें- प्लेट, कप, चम्मच, गिलास, जूता, मोजे, बोतल, तकिया, लाइट, पंखा आदि।

ये ऐसे शब्द हैं जो बच्चे को अपनी इच्छाओं और जरूरतों को व्यक्त करने में मदद कर सकते हैं।

ये टिप्स भी करेंगे बच्चे को जल्दी बोलने में मदद-

किताबें पढ़ना- अगर आप यह सोचकर अपने बच्चे के लिए किताबें खरीदकर लाएं हैं कि वो खुद उन्हें देखकर पढ़ना सीख जाएगा तो आप गलत हैं। बता दें, बच्चों को सिर्फ रंगीन चित्रों वाली किताबों के पन्ने पलटना पसंद होता है। ऐसे में बच्चे के साथ बैठकर हर फोटो को दिखाते हुए उसके साथ बात करने की कोशिश करें।

बच्चे से बात करते समय आई कांटेक्ट का रखें ध्यान- बच्चे से कोई भी बात कहते या उससे कोई चीज मंगवाते समय उसके साथ अपना आई कांटेक्ट जरूर बनाए रखें। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चे से बात करते समय कहीं और ना देखें। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे आपकी ध्वनि से पहले आपके होंठ पढ़ रहे होते हैं।2

कविताओं का लें सहारा- बच्चे से बात करते समय आप नर्सरी की कविताओं के साथ रात को सुनाई जाने वाली लोरी का भी सहारा ले सकते हैं। लोरी और कविता जैसी चीजें बच्चे को पूरे दिन की क्रियाओं के लिए लय के साथ नए शब्द सिखाती हैं।

शब्दों को वाक्यों में पूरा करें- बच्चे के बोलने के शुरूआती समय में उसके अधूरे वाक्यों को पूरा करने में उसकी मदद करें। उदाहरण के लिए अगर बच्चा बोलें कि मम्मा दूध तो आप उसके वाक्य को पूरा करते हुए कहें- अच्छा कबीर दूध पीना चाहता है।

बच्चे के साथ खूब बातें करें- अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा जल्दी बोलना सीखें तो उसके साथ खूब बातें करें। अगर आपका बच्चा आपका समय चाहता है और आप उसके साथ बैठकर अपने फोन को स्क्रॉल कर रहे हैं तो आप मानसिक रूप से अपने बच्चे के साथ उपस्थित नहीं हैं। ऐसी गलती ना करें। अपने बच्चे को थोड़ा समय देकर उसके साथ बात करने की कोशिश करें।

 

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