Beer: क्यों होती है बीयर कड़वी, डेली पीने वालों को भी नहीं पता इसके पीछे की वजह

आज शराब पीने वालों की कोई कमी नहीं है | आपको हर एक शहर से लेकर हर एक गांव, नुक्कड़ पर शराब पीने वाले और शराब की दुकाने मिल जाएँगी.

गर्मी में लोग व्हिस्की या रम या वाइन बहुत कम पीते हैं, शराब पीने वाले लोग beer को ज्यादा पीते हैं . इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है beer का ठंडा होना। अगर अपने भी कभी बियर को चखा हो तो अपने ये नोटिस किया होगा की बियर का स्वाद (beer ka swad kaisa hota hai) थोड़ा कड़वा होता है पर क्या अपने कभी ये

जानने की कोशिश की है की ये कड़वा ही क्यों होता है | बियर की कड़वाहट (beer ka taste kaisa hota hai) के पीछे कई कारण हो सकते है और आज हम इनके बारे में ही जानेंगे। बीयर भी बाक़िओं जैसे अलकोहॉलिक ड्रिंक होती है, लेकिन इसकी कड़वाहट उसके तत्वों से आती है जो उसमें मौजूद होते हैं।

होप्स (हमूलस्पुस): बीयर में होप्स नामक पौधों के फूलों का उपयोग किया जाता है। होप्स में तीव्र और कड़वे स्वाद वाले तत्व होते हैं, जो बीयर को एक अद्वितीय कड़वाहट देते हैं।

मॉल्टेड बार्ली: बीयर के निर्माण (beer kaise banta hai) में बार्ली का मॉल्टिंग प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस प्रक्रिया के दौरान बार्ली के दानों को पानी में भिगोकर फिर उन्हें सुखाया जाता है। यह प्रक्रिया बीयर को एक विशेष प्रकार की कड़वाहट प्रदान करती है।

यीस्ट (खमीर): बीयर की बनावट (beer kaise banta hai) में खमीर का महत्वपूर्ण योगदान होता है। खमीर के कारण शुगर को आल्कोहॉल में बदल दिया जाता है, जिससे बीयर का अलकोहॉलिक स्तर बढ़ जाता है और उसका स्वाद कड़वा होता है।

मिट्टी और जलवायु:

बीयर की कड़वाहट का एक और कारण बनावट की मिट्टी और उसकी बनावट की जगह पर होने वाले जलवायु के प्रभाव से भी जुड़ा होता है। यह बीयर के स्वाद में सुखद तथा कड़वा अंतर देता है।

व्हिस्की और बियर के स्वाद में अंतर का कारण

व्हिस्की और बीयर (difference in whiskey and beer) के स्वाद में अंतर होता है क्योंकि उनकी सामग्री और तैयारी में भिन्नता होता है। व्हिस्की में अलकोहॉल की अधिकतम मात्रा होती है, जबकि बीयर में अलकोहॉल की मात्रा कम होती है। इसके अलावा, व्हिस्की में बारली और कॉर्न का उपयोग होता है, जबकि बीयर में बार्ली, होप्स, और यीस्ट का मिश्रण होता है।

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