स्पेस में चमकेगा ISRO का नाम, जो सिर्फ NASA करती थी अब वो करेगा भारत
स्पेस एजेंसी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन बड़े बड़े कीर्तिमान स्थापित कर रही है. जो काम अब तक दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी NASA करती थी अब वह भारत का ISRO करेगा. 2024 की शुरुआत स्पेस एजेंसी ने एक बड़े धमाके के साथ की है और इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं. कि आने वाले वक्त में हिंदुस्तान का नाम.. स्पेस में और तेज चमकने वाला है.
आज ISRO ने एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट यानी XPoSat को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया. XPoSat में ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स की स्टडी के लिए दो पेलोड पोलिक्स और एक्सपेक्ट लगे हैं. सिर्फ 21 मिनट बाद इन्हें पृथ्वी की 650 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया गया.
आखिर क्यों पड़ी ISRO को इस मिशन की जरूरत?
सबसे पहले हम आपको ये समझाते हैं कि आखिर ISRO को XPoSat मिशन लॉन्च करने की ज़रूरत क्यों पड़ी. इस मिशन के जरिए ब्रह्मांड को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी. ब्लैक होल और उससे निकलने वाले खतरनाक रेडिएशन पर रिसर्च करना मुमकिन होगा. एक्स-रे, गामा-रे और रेडियो तरंगों पर गहन अध्ययन करने में आसानी होगी इसके अलावा कुआसार्स, सुपरनोवा और न्यूट्रॉन स्टार्स पर भी स्टडी की जा सकेगी.
क्या होते हैं न्यूट्रॉन स्टार्स
वो न्यूट्रॉन स्टार्स. जिनका वजन सूर्य के तीन गुना तक हो सकता है. न्यूट्रॉन स्टार्स के एक चम्मच पदार्थ का वजन पृथ्वी पर करीब 4 अरब टन जितना है. यानी ISRO अब स्पेस में वो काम करने जा रही है. जो बहुत लंबे वक्त से अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा करती आई है. ये ISRO के लिए एक बड़ी कामयाबी है.
क्या होता है ब्लैक होल ?
सत्ता में अब हम आपको ये भी समझाते हैं कि जिस ब्लैक होल की स्टडी के लिए इसरो ने अपना ये मिशन लॉन्च किया है…वो आखिर है क्या है. दरअसल ब्लैक होल आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद हैं. मौजूदा वक्त में ब्रह्मांड में तीन प्रकार के ब्लैक होल हैं. स्टेलर मास, सुपरमैसिव और इंटरमीडिएट मास. ये ब्लैक होल्स निष्क्रिय तारों के समूह से बनते हैं. ये सूरज से भी कई करोड़ गुना बड़ा होते हैं. इनमें गुरुत्वाकर्षण इतना ज़्यादा होता है कि रोशनी भी इनके आर-पार नहीं जा सकती.
ISRO क्या करेगा?
अब ISRO इन्हीं ब्लैक होल्स से निकलने वाले रेडिएशन पर अध्ययन करेगा. 2024 के पहले दिन लॉन्च हुए मिशन के जरिए इसरो ने अपनी स्पेस सत्ता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का उद्घोष कर दिया है. जिन मिशन्स का नेतृत्व पहले नासा करता था. उन मिशन्स को अब इसरो अपने नेतृत्व में स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ा रहा है. अंतरिक्ष में भारत का किफायती और असरदार मॉडल अब ब्लॉक बस्टर साबित हो गया है. ISRO चीफ एस. सोमनाथ ने कहा कि एक जनवरी 2024 को PSLV का एक और मिशन सफल रहा है, एक्सपोसैट सैटेलाइट को उसकी कक्षा में स्थापित किया है, हम उस पर लगे उपकरणों से अध्ययन करेंगे. उन्होंने बताया कि सैटेलाइट के सोलर पैनल को सफलतापूर्वकसंचालित किया गया है, इसके साथ ही हमारा नया साल शुरु हुआ है, आने वाला भी अच्छा होगा.