कर्नाटक: 8 में किसी को नहीं पकड़ा, CBI करे जांच, नेहा मर्डर केस में कांग्रेस पार्षद पिता ने उठाए अपनी ही सरकार पर सवाल
कर्नाटक के हुबली जिले के विद्यानगर में पिछले सप्ताह कॉलेज परिसर में कांग्रेस पार्षद की बेटी नेहा की फैयाज कोंडीकोप्पा नाम के शख्स ने हत्या कर दी थी. इस मामले पर जमकर राजनीति भी हो रही है.
इसे लव जिहाद से जोड़ा जा रहा है. लोग आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं. वहीं बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं.
इस बीच हुबली-धारवाड़ नगर निगम के कांग्रेस पार्षद और नेहा के पिता निरंजन हिरेमथ का बयान सामने आया है. उनका कहना कि उनकी तरफ से 8 लोगों के नाम दिए गए थे. बावजूद इसके पुलस ने एक भी आरोपी को नहीं पकड़ा. उन्होंने कहा कि इस तरह से की जा रही कार्रवाई से उनका विश्वास उठ रहा है. नेहा के पिता ने मांग की है कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को भटकाने की कोशिश की जा रही है.
सीबीआई से कराई जाए मामले की जांच
कांग्रेस पार्षद ने आगे कहा कि यहां कि कमिश्नर एक महिला हैं. महिला होने के नाते भी वो किसी लड़की के हत्या को मामले को गंभीरता से नहीं ले रहीं हैं. उन्होंने कहा कि महिला कमिश्नर सिर्फ साथ होने की बात करती हैं. इसके साथ ही पार्षद ने ये भी कहा कि वो किसी दबाव में आकर काम कर रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में झूठी बयानबाजी होने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वो गृहमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि ऐसे मामले में लापरवाही के लिए कमिश्नर का ट्रांसफर किया जाए साथ ही इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाए.
‘सीबीआई को सौंपने पर कोई आपत्ति नहीं’
वहीं हुबली हत्याकांड मामले को सीबीआई को सौंपने की बीजेपी की मांग पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का बयान भी समाने आया है. उनका कहना है कि हमें कोई आपत्ति नहीं है, उन्हें सौंपने दीजिए. उन्हें जो करना है करने दीजिए. शिवकुमार ने कहा कि वो इसके पात्र नहीं है. कर्नाटक सरकार इससे अपने तरह से निपटेगी.
आरोपी के पिता ने बेटे के लिए सख्त सजा की मांग की
वहीं इस मामले में आरोपी फैयाज के पिता बाबा साहेब सुबानी ने नेहा के परिजनों से मांफी मांगी है. साथ ही अपने बेटे के लिए सख्त से सख्त सजा देने को भी कहा है. उनका कहना है कि बेटे की इस हरकत से वो पूरी तरह से टूट गए हैं. उन्होंने कहा कि फैयाज को ऐसी सजा मिलनी चाहिए ता कि कोई दूसरा इस तरह का काम करने की हिम्मत न कर सके.