SIP में हर साल बढ़ाते जाएं 5% की रकम, रिटायरमेंट से पहले बन जाएंगे अमीर
बहुत से निवेशक नहीं जानते हैं कि उन्होंने सही फंड में निवेश किया है या नहीं और उनका फंड पोर्टफोलियो सही रास्ते पर है या नहीं। क्योंकि सही पोर्टफोलियो के बिना कोई भी निवेशक अमीर नहीं बन सकता है. किसी व्यक्ति के फाइनेंशियल लक्ष्य को पूरा करने में पोर्टफोलियो में सही फंड का चुनाव बेहद जरूरी हो जाता है. आज की स्टोरी में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं. हम जानेंगे कि कैसे सही फंड का चुनाव किया जाता है. एसआईपी में 5% की रकम बढ़ाने से कितना फायदा होता है?
हर साल बढ़ाएं एसआईपी
म्यूचुअल फंड से ज्यादा फायदा लेने के लिए एसआईपी (SIP) लेने और उसे हर साल बढ़ाने की सलाह दी जाती है. लगभग हर साल 10 परसेंट तक एसआईपी बढ़ा दें तो अंत में अच्छा खासा रिटर्न मिल जाता है. एसआईपी में निवेश बढ़ाने से दिनों-दिन बढ़ती महंगाई, खुद के खर्च और भविष्य के लिए फंड जुटाने में सफलता मिल सकती है. आप दो तरह से एसआईपी में निवेश को बढ़ा सकते हैं. हर साल एक निश्चित राशि के साथ एसआईपी में निवेश को बढ़ाएं. जैसे मान लीजिए आपके पास 10 हजार रुपये की मंथली एसआईपी है. अपने रिटायरमेंट के खर्च को देखते हुए आप हर साल 1 हजार या 2 हजार रुपये तक बढ़ा सकते हैं.
आप चाहें तो हर साल एक फिक्स परसेंटेज में निवेश की राशि बढ़ा सकते हैं. मंथली एसआईपी में चाहें तो हर साल 10 या 20 परसेंट तक निवेश बढ़ा सकते हैं. कुछ म्यूचुअल फंड निवेशकों को ऑटोमेटिक टॉप अप की सुविधा देते हैं. यानी कि हर साल अपने आप निवेश की राशि बढ़ जाएगी और उनके अकाउंट से पैसा कट जाएगा. म्यूचुअल फंड लेते समय यह चेक कर लें कि एसआईपी बढ़ाने की सुविधा ऑटोमेटिक है या खुद से बढ़ाना होगा.
कितने रुपये में मिलेगी अच्छी कमाई
कितने रुपये के निवेश पर कितनी कमाई होगी, यह जानना जरूरी है. मान लीजिए किसी एसआईपी में हर महीने 5,000 रुपये निवेश करते हैं. यह एसआईपी 15 साल के लिए है और 12 परसेंट के लिहाज से रिटर्न मिलने वाला है. इस हिसाब से 15 साल बाद आपका फंड 26 लाख रुपये हो जाएगा. महीने का 5 हजार या हर दिन का लगभग 165 रुपये का निवेश 15 साल बाद 26 लाख रुपये में कनवर्ट हो जाएगा. अगर हर साल 5 परसेंट एसआईपी बढ़ाते हैं तो 15 साल बाद यह राशि 32 लाख हो जाएगी. इसका मतलब हुआ कि आपकी एसआईपी पहले साल 250 रुपये, दूसरे साल 262 रुपये और तीसरे साल 275 रुपये बढ़ती जाएगी. चूंकि हर साल आप थोड़ी-थोड़ी राशि बढ़ाते हैं, इसलिए आपके बजट पर कोई असर नहीं पड़ेगा.