खो नदी के पुल की लंबाई बढ़े बिना नहीं बनेगी बात, भेजी रिपोर्ट
बिजनौर। खो नदी के पुल की लंबाई बढ़े बिना व्यवस्था नहीं सुधर पाएगी। मौजूदा पुल से आगे एक और नया पुल बनाना पड़ेगा। यह सुझाव समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाया है। दरअसल बरसात में उफान आने पर खो नदी की धारा ने पुल की सड़क को काट दिया था। फिलहाल नदी का पानी पुल को छोड़कर दूसरी जगह बह रहा है। सड़क टूटी होने की वजह से बढ़ापुर का सीधे नजीबाबाद से संपर्क बहाल नहीं हो सका है।
बढ़ापुर और रायपुर सादात के बीच खो नदी पर साल 2012 के आसपास पुल का निर्माण चालू हुआ था। साल 2015 तक आते-आते इस पुल के निर्माण पर ब्रेक लग गया। बता दें कि पुल के पास वाले एक किसान ने निर्माण पर आपत्ति जता दी थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था। हालांकि पुल का 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया था। बढ़ापुर की दिशा में पहुंच मार्ग नहीं बनाया जा सका था। जिसके बाद ग्रामीणों ने आपस में सहयोग कर पुल के पास मिट्टी डालते हुए कच्चा पहुंच मार्ग तैयार किया और आवाजाही शुरू कर दी थी। साल 2015 से दर्जनों गांव के ग्रामीण इस पुल से आवाजाही कर रहे थे।
अब इस बरसात में खो नदी में ऐसा उफान आया कि पुल के पास सड़क को अपने संग बहा ले गया। जिसके बाद से करीब डेढ़ सौ से दो सौ मीटर तक सड़क गायब है। साथ ही खो नदी की धारा काफी दूर तक फैल कर बह रही है। पुल के पहुंच मार्ग को बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने गुंजाइश तलाश की। बाद में एक कमेटी का गठन कर दिया गया। कमेटी ने सुझाव दिया है कि पुल को जोड़ने के लिए सड़क बनाने से काम चलने वाला नहीं है। बल्कि एक और नया पुल बनाना पड़ेगा। जिससे पुराने पुल की लंबाई बढ़ जाएगी।
– शासन को भेजी रिपोर्ट, मंजूरी का इंतजार
कमेटी ने सुझाव दिया है कि पुराने पुल की लंबाई करीब 180 मीटर है। ऐसे में इससे आगे इतनी ही लंबाई में एक और नया पुल बनाया जाए। तर्क दिया गया है कि नदी की धारा ने अपना स्थान बदल लिया है। अब खो दूसरी जगह बहने लगी है।
रायपुर सादात और बढ़ापुर के बीच खो नदी पुल के पास सड़क बनाने की गुंजाइश खत्म हो चुकी है। क्योंकि नदी ने अपना स्थान बदल लिया है। जिसे लेकर गठित कमेटी ने पुल की लंबाई बढ़ाने का सुझाव दिया है। इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी जा चुकी है। – योगेंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग खंड नजीबाबाद ।