वेस्टर्न टॉयलेट इस्तेमाल का सही तरीका! क्या आप भी बिस्तर पर लेकर आ रहे करोड़ों बैक्टीरिया?

कुछ समय पहले तक अपने देश में घरों के भीतर टॉयलेट बनाने को सहज रूप से स्वीकार नहीं किया जाता था. आज भी ग्रामीण इलाकों में घरों से बाहर ही टॉयलेट बनाए जाते हैं. सरकार की मुहिम और प्रचार के बाद अब स्थितियां थोड़ी बदली है. लोग इंडियन स्टाइल वाले टॉयलेट को लेकर थोड़ सहज हुए हैं. लेकिन, आज भी देश की 90 फीसदी आबादी वेस्टर्न टॉयलेट को लेकर सहज नहीं है. उन्हें इसका इस्तेमाल नहीं आता.

वैसे महानगरों की फ्लैट संस्कृति में इसको स्वीकार कर लिया गया है. लेकिन सच्चाई यही है ग्रामीण इलाके में इसे आज भी पसंद नहीं किया जाता है. ऐसे में बदलते समय में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जाए.

दरअसल, वेस्टर्न टॉयलेट आज भी तमाम लोगों के लिए एक विदेशी चीज है, क्योंकि यह हमारी भारतीय प्रणाली के लिए बिल्कुल नई है. जिस तरह से सार्वजनिक स्थानों या कॉर्पोरेट कल्चर में वेस्टर्न टॉयलेट का उपयोग बढ़ा है, इसके बारे में जानकारी रखना आज की जरूरत है.

सबसे पहले सवाल यह है कि वेस्टर्न टॉयलेट रूम के बारे में आप क्या सोचते हैं? वेस्टर्न टॉयलेट इंडियन टॉयलेट से बिल्कुल अलग होते हैं. इसमें आप बेहद सहज तरीके से मल त्यागने की क्रिया कर सकते हैं. इस क्रिया में आपको ऐसा महसूस होगा जैसा आप कुर्सी पर बैठे हों. यह बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए काफी सुविधाजनक है. अधिक वजन वाले और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए तो यह काफी अच्छा होता है.

इसमें जमा मल को दहवाने के लिए आपको अलग से पानी डालने की जरूरत नहीं होती. इसके साथ में पानी से भरा फ्लश टैंक होता है. मल को हटाने के लिए आपको बस फ्लश बटन दबाना होता है. फ्लश दबाने के साथ अच्छी मात्रा में टॉयलेट सीट के अंदर पानी आता है और सेकेंडों में सारी गंदगी साफ हो जाती है.

टॉयलेट सीट के बाईं ओर पेपर रोल होता. इसका इस्तेमाल टॉयलेट सीट का गीलापन पोंछने या गंदगी साफ करने के लिए किया जाता है. टॉयलेट रूम में एक कूड़ादान भी रखा होता है. इस कुड़ेदान में आपको यूज किए गए पेपर डालने होते हैं. उस पेपर को टॉयलेट के अंदर न डालें. इससे टॉयलेट जाम हो सकता है. टॉयलेट सीट के दाईं ओर हैंड शावर होता है. इससे आप मल त्यागने के बाद अपनी बॉडी धोते हैं.

वेस्टर्न टॉयलेट इस्तेमाल करने का तरीका- आप वेस्टर्न टॉयलेट की सीट पर सीधे ऐसे बैठ सकते हैं जैसे कि आप किसी कुर्सी पर बैठे हों. लेकिन, टॉयलेट रूम में प्रवेश करते ही उस पर मत बैठिए. पहले सीट के आसपास की नमी को पोंछ लें. सीट गीला न हो तो भी उसे पोंछ लें.

बैठने से पहले एक बार फ्लश करना भी अच्छा रहता है. इससे सिंक के अंदर की गंदगी साफ हो जाती है. यदि यह सार्वजनिक शौचालय है तो फ्लश करने के बाद ही उपयोग करें. इससे यूरिन इंफेक्शन को रोका जा सकता है. टॉयलेट जाने के बाद हाथ सिंक में धोएं. फिर टिश्यू पेपर से हाथ पोछ लें.

मल त्यागने के बाद कैसे धोएं..? टॉयलेट सीट के दाईं ओर धोने के लिए स्प्रे वाला एक पाइप होता है. यह दीवार पर लटका होता है. इसके वाल्व को दबाने से पानी बाहर निकलता है. आप पाइप को पकड़कर आरामदायक स्थिति में बॉडी धो सकते हैं. कुछ लोग पाइप को सामने की तरफ स्प्रे करके धोते हैं तो कुछ लोग पीछे की तरफ से धोते हैं. आप अपनी सुविधा के अनुसार इसका उपयोग कर सकते हैं.

फिर नमी पोछने के लिए टॉयलेट पेपर का उपयोग करें. शौचालय से निकलने से पहले सीट के चारों ओर का गीलापन पोंछ लें और कागज को कूड़ेदान में डाल दें. इससे आपके बाद टॉयलेट इस्तेमाल करने वालों को दिक्कत नहीं होगी. ऐसा करना गुड टॉयलेट एटिकेट में आता है.

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