केके पाठक अब इनपर बुलडोजर चलवाएंगे, नए फरमान से मचा हड़कंप, टीचर के रोल में भी नजर आए

बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं और स्कूलों का निरीक्षण कर जांच कर रहे हैं. गुरुवार को गोपालगंज में दूसरी बार पहुंचे केके पाठक एक्शन में दिखे. गोपालगंज में जिलाधिकारी के रूप में काम कर चुके केके पाठक पहुंचते ही शिक्षक की भूमिका में नजर आये. स्कूलों में पहुंचने के बाद छात्रों पूछा.. कैसी चल रही आपकी वार्षिक परीक्षा की तैयारी. होमवर्क मिलता है या नहीं, छात्रों ने एक स्वर में जवाब दिया और केके पाठक ने कहा, थैंक्स.

केके पाठक ने यहां थावे डायट केंद्र में टोला सेवक और तालिमी मरकज के छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का निरीक्षण किया. टोला सेवकों और तालिमी मरकज को बढ़ाये गये मानदेय के बारे में जानकारी दी और मन लगाकर स्कूलों में काम करने के निर्देश दिये. थावे डायट में निरीक्षण करने के बाद केके पाठक कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय और बुनियादी विद्यालय में अचानक पहुंच गये.

कस्तूरबा आवास विद्यालय में पहुंचे केके पाठक ने प्रिंसीपल को नहीं देख वार्डेंन को बुलाया और बच्चों की उपस्थिति के बारे में जानकारी ली. यहां 66 प्रतिशत छात्राओं की उपस्थिति देख केके पाठक ने उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिये. वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कस्तूरबा की प्रिंसीपल बुनियादी विद्यालय की प्रिंसीपल हैं, जिसके बाद बुनियादी विद्यालय में केके पाठक पहुंच गये.

केके पाठक ने दिया यह निर्देश

यहां फर्श पर बैठकर पढ़ाई कर रहे छात्रों से बात करते हुए उन्होंने बेंच सात दिनों के अंदर खरीद करने का निर्देश दिया. वहीं, छात्रों ने बाउंड्री नहीं होने की शिकायत की, जिसके बाद जिलाधिकारी महम्मद मकसूद आलम को सात दिनों के अंदर कस्तूरबा गांधी और बुनियादी विद्यालय की बाउंड्री कराने का निर्देश दिया. केके पाठक ने कहा कि बिहार के सभी सरकारी विद्यालयों की बाउंड्री करायी जाएगी, ताकि विद्यालय के बच्चे सुरक्षित माहौल में पढ़ाई कर सके.

टीचर के रोल में आए केके पाठक

केके पाठक बुनियादी विद्यालय में शिक्षक की भूमिका में नजर आये और उन्होंने छात्रों से होमवर्क मिलने और वार्षिक परीक्षाओं के बारे में जानकारी ली. एजेंसी के द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे मिड-डे मिल की गुणवत्ता के बारे में भी छात्रों से जानकारी ली. छात्रों ने कहा कि मेन्यू के हिसाब से भोजन कभी मिलता है कभी नहीं मिलता है. केके पाठक ने एक-एक कमरे में पंखा लगाने और रोशनी के लिए एलइडी बल्ब लगाने के निर्देश दिये.

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