Kolkata Rape Case: काम पर नहीं लौटे जूनियर डॉक्टर, ममता बनर्जी का प्रस्ताव भी ठुकराया
कोलकाता रेप-मर्डर केस को गुस्साए ट्रेनी डॉक्टरों की हड़ताल अभी खत्म नहीं हो सकी है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से 5 बजे तक की डेडलाइन समाप्त होने के बाद भी डॉक्टर काम पर नहीं लौटे हैं. जूनियर डॉक्टरों के गुस्से को देखते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय में बातचीत के लिए भी बुलाया, लेकिन डॉक्टरों ने जाने से इनकार कर दिया. इसके अलावा बातचीत के लिए जो पत्र उन्हें भेजा गया है, डॉक्टरों ने उसे भी अपमानजनक बताया है.
कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही मामले की सुनवाई करते हुए इन्हें मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने की डेडलाइन दी थी. मंगलवार को सीएम ने इन्हें मुलाकात के लिए बुलाया. इसके लिए डॉक्टरों को एक पत्र भेजा गया और 10 जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया. हालांकि डॉक्टर ने बातचीत के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें जो पत्र मिला है वह उसी स्वास्थ्य सचिव की ओर से लिखा गया है जिसे हटाने के लिए आंदोलन चल रहा है. यह बेहद अपमानजनक है.
पत्र में सिर्फ सर लिखने पर आपत्ति
प्रदर्शनकारियों ने बातचीत के लिए प्राप्त पत्र में सिर्फ सर लिखे जाने पर भी आपत्ति जताई. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि पत्र में सर के साथ मैडम भी लिखा जाना चाहिए था. हालांकि डॉक्टरों ने बातचीत की संभावना से इन्कार नहीं किया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार के शीर्ष जिम्मेदार की ओर से अगर प्रस्ताव आता है तो वह बातचीत करने के लिए तैयार हैं. स्वास्थ्य सचिव का पत्र इसलिए विचार करने लायक नहीं है, क्योंकि आंदोलित डॉक्टरों की मांगों ने स्वास्थ्य सचिव को हटाए जाने की मांग भी शामिल है.
कितने लोग मिलने जाएंगे ये प्रदर्शनकारी तय करेंगे
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि बातचीत के लिए जो पत्र मिला है, उसमें सिर्फ 10 लोगों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया है जो कि अपमानजनक है. प्रतिनिधिमंडल में कितने लोग होंगे यह प्रदर्शनकारी तय करेंगे. उधर डॉक्टरों की बात पर टीएमसी नेता और स्वास्थ्य एवं परिवार राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के मुताबिक सरकार ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया था. डॉक्टरों की ओर से कोई जवाब न मिलने पर वह सचिवालय से निकल गईं. उन्होंने डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया है.
सुपीम कोर्ट ने क्या कहा था?
आरजीकर मेडिकल कॉलेज मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई थी. इसमें शीर्ष अदालत ने डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने को कहा था और ये भी कहा था कि उनको मिलने वाली सुविधाओं को वह सुनिश्चित करेंगे. अगर डॉक्टर ऐसा नहीं करते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.