शेयर बाजार पर हावी लीप ईयर फोबिया! साल 2024 में भी डर, निवेशक सहमे
भले ही शेयर बाजार के लिए 2023 का साल शानदार रहा हो लेकिन 2024 को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं। इस साल घरेलू और वैश्विक स्तर पर कई ऐसे घटनाक्रम होने वाले हैं जिसका असर बाजार पर दिख सकता है। वहीं, लीप ईयर का फोबिया भी बाजार पर हावी है। अब तक का पैटर्न बताता है कि लीप ईयर में शेयर बाजार बुरी तरह क्रैश होता है। हालांकि, यह कोई निश्चित बात नहीं है लेकिन अब तक लीप ईयर के दौरान के घटनाक्रम कुछ ऐसे रहे हैं कि निवेशकों में 2024 को लेकर एक डर बना हुआ है।
सबसे पहले जानिए क्या है लीप ईयर
इस साल एक दिन एक्स्ट्रा होगा। साल के सबसे छोटे महीने फरवरी में एक एक्स्ट्रा दिन को जोड़ा जाता है। इस तरह लीप ईयर में फरवरी का महीना 28 की बजाए 29 दिन का होता है। इसका मतलब है कि साल 2024 में 365 के बजाय 366 दिन होंगे। बता दें कि पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में हर साल 6 घंटे एक्स्ट्रा लगते हैं। ये 6-6 घंटे की अवधि जुड़ते हुए 4 साल में पूरे 24 घंटे हो जाते हैं, जो पूरा एक दिन होता है। इस तरह 4 साल पर इसे फरवरी के महीने में जोड़ा जाता है।
लीप ईयर में शेयर बाजार का पैटर्न
साल 1984 के बाद से शेयर बाजार परफॉर्मेंस पर गौर करें तो सभी 10 लीप ईयर में औसत वार्षिक रिटर्न 8% से कम रहा है। दूसरी ओर सामान्य साल में रिटर्न 23% से कहीं अधिक रहा है। शेयर बाजार के लिहाज से खराब लीप ईयर की शुरुआत 1992 से हुई। ये वक्त था जब हर्षद मेहता स्कैम ने बाजार को हिलाकर रख दिया। 29 अप्रैल 1992 एक ऐसा दिन था जब सेंसेक्स 12.77% गिर गया। यह सेंसेक्स के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट थी। सूचकांक अपने कैलेंडर वर्ष के उच्चतम स्तर से 42% नीचे बंद हुआ।
2000 लीप ईयर: ये वो साल था जब अमेरिका में डॉटकॉम बबल फूटने के कारण दुनियाभर में हाहाकार मचा और वैश्विक मंदी में निवेशकों को 21% का नुकसान हुआ।
2008 लीप ईयर: इस साल लेहमन ब्रदर्स संकट की वजह से दुनिया मंदी की चपेट में आ गई और इसका असर भारत के बाजार पर भी पड़ा।
2016 लीप ईयर: यह निवेशकों के लिए एक अस्थिर साल साबित हुआ। इस साल नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक और अमेरिकी चुनावों जैसी गतिविधियों की वजह से निवेशक सहमे नजर आए।
2020 लीप ईयर: यह कोविड का पहला साल था। इस साल भारत समेत दुनिया भर में महीनों लॉकडाउन लगा रहा। इस वजह से इकोनॉमी धराशायी हुई तो शेयर बाजार भी रेंगने लगा। 23 मार्च 2020 को सेंसेक्स ने लोअर सर्किट को छुआ और एक ही दिन में 12.71% गिर गया। लॉकडाउन के दौरान कई बार शेयर बाजार में ट्रेडिंग रोकनी पड़ी।
2024 लीप ईयर: अब तक के पैटर्न को देखते हुए निवेशकों के मन में एक डर बना हुआ है। तमाम एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस साल लोकसभा चुनाव एक बड़ा घटनाक्रम है। मुख्यतौर पर इस चुनाव के नतीजे शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे। आमतौर पर लोकसभा चुनाव के नतीजे मई महीने में जारी होते हैं। बता दें कि कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को दिसंबर 2024 तक निफ्टी में मामूली 1% बढ़ोतरी की उम्मीद है। वहीं अन्य ब्रोकरेज ने निफ्टी के लिए 23,000 तक का लक्ष्य दिया है।