Liquor: इतने mL शराब पीने से शरीर पर होता है ये नुकसान, एक्सपर्ट ने किया खुलासा
आज दुनिया में पीने वालों की संख्या करोड़ों-अरबों में है। युवाओं में शराब, बीयर या अन्य एल्कोहल वाली ड्रिंक्स पीने का शौक तेजी से बढ़ रहा है। इस मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं है।
फेस्टिव सीजन हो या न्यू ईयर सेलिब्रेशन, शराब पीने का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। आज के जमाने में शराब लोगों के सेलिब्रेशन और लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गई है। कुछ लोग 1-2 पेग से शुरूआत करते हैं और कब ये पेग दो पेग की आदत लत में बदल जाती है पता हीं नहीं चलता।
और ऐसे में वे रोज पीना शुरू कर देते हैं। डेली ज्यादा मात्रा में शराब पीनी से कैंसर, लिवर फेलियर समेत तमाम जानलेवा बीमारियों की वजह बन सकता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि रोज कितनी शराब पीना सुरक्षित है?
शराब कितनी मात्रा में पीनी चाहिए
यहां आपको शराब पीने की सलाह बिल्कुल नहीं दी जा रही है, लेकिन अगर आपसे शराब छूट नहीं रही है तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर पीने से शराब के शरीर पर होने वाले दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। अक्सर दोस्तों के साथ एंजॉयमेंट या पार्टी में कई लोग हद से ज्यादा शराब पी लेते हैं, जिससे बाद में उन्हें दिक्कत होने लगती है।
Healthdirect.gov.au के अनुसार, वयस्कों को शराब के जोखिम से बचे रहने के लिए एक हफ्ते में 10 और एक दिन में 4 पेग (ड्रिंक) से ज्यादा शराब नहीं पीनी चाहिए. एक स्टैन्डर्ड ड्रिंक का साइज 30 ml हार्ड अल्कोहल जैसे व्हिस्की, जिन आदि और 150 ml वाइन (रेड और व्हाइट) और 330 ml बीयर होता है।
एक पेग में कितनी अल्कोहल होती है-
जहां तक एक पेग में शराब की मात्रा का सवाल है तो लगभग 14 ग्राम शराब की मात्रा होती है. हालांकि अलग-अलग अल्कोहल की मात्रा वाली शराब के पेग में अंतर होता है. कोई शराब ऐसी होती है जिसमें 50 प्रतिशत तक अल्कोहल है तो किसी में 35 प्रतिशत होता है. ऐसे में पेग बनाते समय शराब की मात्रा का ध्यान रखें और लिमिट में पिएं.
शराब का लिवर पर प्रभाव
हमारे शरीर में जाने वाले लिक्विड (तरल पदार्थों) की प्रॉसेसिंग लिवर करता है। शराब जब आपके शरीर में पहुंचती है, तो लिवर इसकी प्रॉसेसिंग शुरू करता है।
मगर लिवर एक बार में बहुत ज्यादा शराब की प्रॉसेसिंग नहीं कर सकता है क्योंकि इसका आकार छोटा होता है। अब जब आप ज्यादा शराब पीते हैं, तो लिवर इसे प्रॉसेसिंग करने के लिए स्टोर नहीं कर पाता है और शराब आपके पेट और छोटी आंत से होते हुए आपके खून में घुलने लगती है।
ये खून शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचने से पहले लिवर के पास फिल्टर होने के लिए पहुंचता है। खून में घुले ये शराब एक खास तरह का एंजाइम बनाने लगते हैं, जिसे एसिडएल्डिहाइड कहते हैं।
ये एंजाइम आपके लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में शराब पीने वाले लोगों का लिवर धीरे-धीरे खराब होता जाता है। लिवर अगर 60-70% तक काम करना बंद कर दे, तो व्यक्ति का जीवन मुश्किल हो जाता है और उसे कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं।
शराब पीने से कितने समय में खराब हो सकता है लिवर?
आमतौर पर देखा जाता है कि अगर आप शराब नहीं भी पी रहे हैं, तो भी आजकल खान-पान में मिलावट, वसा (तेल-घी) और केमिकलयुक्त आहारों के सेवन से आपका लिवर प्रभावित होता है।
मगर जब आप शराब पीना शुरू करते हैं, तो लिवर धीरे-धीरे कई स्टेज में खराब होता जाता है। पहला स्टेज- अगर आप सप्ताह में 4 दिन 90 mL से ज्यादा शराब पीते हैं, तो आप हैवी ड्रिंकर माने जाते हैं।
हैवी ड्रिंक करने वालों में सबसे पहले लिवर के आस-पास फैट जमना शुरू हो जाता है। जिसके कारण फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस स्टेज में शराब पीना छोड़ दे, तो उसका लिवर बाद में दोबारा ठीक किया जा सकता है।
दूसरी स्टेज- दूसरे स्टेज में व्यक्ति एल्कोहलिक हेपाटाइटिस हो जाता है। इस स्टेज में भी अगर व्यक्ति लगातार शराब का सेवन कर रहा है, तो उसके लिवर में सूजन आने लगती है और लिवर डैमेज होना शुरू हो जाता है।
कई बार एल्कोहलिक हेपेटाइटिस के बढ़ जाने पर व्यक्ति की तबीयत जानलेवा स्तर तक खराब हो सकती है। हालांकि इस स्टेज में भी शराब छोड़ देने पर व्यक्ति के लिवर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है और वो एक लंबी जिंदगी जी सकता है।
तीसरा और आखिरी स्टेज- तीसरे यानी आखिरी स्टेज में व्यक्ति लिवर सिरोसिस का शिकार हो जाता है। लिवर सिरोसिस का अर्थ है कि लिवर जिन सेल्स से बना है, वो मृत हो जाती हैं और लिवर को फंक्शन करने में परेशानी आती है।
ज्यादातर हैवी ड्रिंकर्स को 10 साल तक शराब पीने की आदत हो, तो लिवर सिरोसिस हो जाता है। एक बार लिवर सिरोसिस हो जाने पर व्यक्ति के लिवर को ठीक नहीं किया जा सकता है। इस स्टेज तक आने के बाद व्यक्ति की मौत निश्चित है।
सिर्फ लिवर ही नहीं, दूसरे अंगों पर भी प्रभाव
अगर आप रोजाना 1 लार्ज पेग शराब पीते हैं, तो आपको सिर्फ लिवर खराब होने का ही नहीं, बल्कि अन्य कई खतरे भी होते हैं। इनमें पैक्रियाटाइटिस, डिप्रेशन और चिंता, प्रजनन क्षमता में कमी, हाई ब्लड प्रेशर, मुंह और लिवर का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, मोटापा, नर्व डैमेज, स्ट्रोक आदि रोग प्रमुख हैं।
शराब के बाद डेयरी प्रोडक्ट या दूध न पिएं
शराब पीने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए. ऐसे ही कई सारे सवाल आपके मन में उठता होगा कि शराब पीने के बाद क्या करना चाहिए क्या नहीं? अगर आप भी शराब पीते हैं तो जान लीजिए इसके बाद आपको क्या खाना है और क्या नहीं.
शराब पीने के बाद काजू या मूंगफली खाना चाहिए?
अक्सर लोग शराब पीने के दौरान मूंगफली या काजू खाना पसंद करते हैं. लेकिन बता दें कि यह सेहत के लिए एकदम खराब है. शराब पीने के बाद या शराब पीने के दौरान इन दोनों को एकदम नहीं खाना चाहिए. इसे खाने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल का लेवल शरीर में बढ़ा देता है. जो शरीर के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक है.
सोडा या कोल्ड ड्रिंक है खतरनाक
सोडा या कोल्ड ड्रिंक के साथ शराब मिलाकर पीते हैं तो यह सब आपके शरीर के लिए है नुकसानदायक. इसलिए इनकी जगह शराब में पानी या बर्फ मिलाकर आप पी सकते हैं.
शराब पीते वक्त चिप्स या कुरकुरे न खाएं
शराब पीने के दौरान या पीने के बाद कुरकुरे या चिप्स न खाएं. या फ्राइड मोमोज या चिकन से परहेज करें. क्योंकि यह आपकी पेट में गड़बड़ी मचा सकती है.
क्या हर दिन 1 पेग (60 mL) शराब सुरक्षित है?
डॉ. राम आशीष बताते हैं कि लिवर के लिए शराब की मात्रा मायने नहीं रखती है, इससे आपका लिवर तो प्रभावित होगा ही। अगर आप बहुत थोड़ी मात्रा में शराब पीते हैं, तो आपके लिवर पर प्रभाव लंबे समय में दिखेगा, जबकि आप ज्यादा पीते हैं, तो प्रभाव जल्दी दिखेगा।
सच्चाई ये है कि अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको एल्कोहल का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि अगर आप ओकेजनली (खास मौकों में यानी साल में 5-6 बार सिर्फ 1-2 छोटे पेग) पीते हैं, तो इसका प्रभाव शरीर पर नहीं दिखता है। लेकिन अगर आपको लिवर की पहले से कोई बीमारी है, तो इतनी शराब भी आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।