Mercedes Benz: ईवी की धीमी मांग के कारण मर्सिडीज-बेंज नए मॉडलों को लॉन्च करने में कर रही है देरी

ईवी मार्केट में मंदी आ रही है और इसका मतलब यह है कि कार निर्माताओं को अब अपनी स्ट्रेटजी को अच्छी तरह एडजस्ट करना होगा और ईवी को एक अलग तरीके से देखना होगा. ईवी की बिक्री को प्रभावित करने वाली और ईवी अपनाने की गति धीमी करने वाली विभिन्न चुनौतियों के बीच, ऐसा लगता है कि आईसीई इंजन (पेट्रोल-डीजल) वाली कारें इतनी जल्दी खत्म नहीं होने वाली हैं.

ईवी बिक्री बढ़ोतरी में मंदी के बाद, मर्सिडीज-बेंज 2030 तक अपनी सभी ईवी को नहीं लॉन्च करेगी, बल्कि कंपनी अपनी ईवी पोर्टफोलियो को बढ़ाने पर जोर देगी. इस जर्मन कार निर्माता के पास अगले कुछ सालों तक भी आईसीई इंजन वाली कारें होंगी और अब कंपनी को उम्मीद है कि उसकी ग्लोबल बिक्री का केवल 50 प्रतिशत ही ईवी होगा.

क्यों धीमी हुई बिक्री

ईवी के साथ-साथ कंपनी इलेक्ट्रीफाइड हाइब्रिड और गैसोलीन कारों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. यह बदलाव यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में भी उम्मीद से कम ईवी बिक्री वृद्धि के कारण है. यूरोप और अमेरिका में, ईवी की बिक्री अभी भी कम बाजार हिस्सेदारी रखती है और यह स्पष्ट है कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी की कीमत और ज्यादा कीमत के कारण पैदा हुई चिंताओं के कारण मांग में कमी आ रही है. इस बीच हाइब्रिड बिक्री में तेजी आई है जिसका मतलब है कि इलेक्ट्रीफाइड पेट्रोल कारें बदलाव की ओर तेजी से बढ़ रही हैं, क्योंकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रेंज ईवी को अपनाने के लिए सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है.

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