तोते के इस श्राप के कारण माता सीता को सहना पड़ा था पति वियोग?
रामायण कई भाषाओं में लिखी गई है, जिनमे अलग अलग किस्से,कहानियां बताई गई हैं. इन्ही कथाओं में से एक कथा माता सीता के अपने पति प्रभु श्रीराम से वियोग को लेकर बताई गई है कि किस कारण माता सीता को अपने पति से अलग होना पड़ा था.
धार्मिक कथाओं के अनुसार के कहा जाता है कि माता सीता जब छोटी थी तो उन्होंने गलती से किसी मादा तोते को अपने पास कैद कर लिया था. जिस कारण उसके नर तोते ने दुखी होकर माता सीता को श्राप दे दिया था. आइए इस धार्मिक कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं.
तोते ने क्यों दिया था माता सीता को श्राप?
धार्मिक कथाओं के अनुसार, बचपन में माता सीता अपनी सखियों के साथ एक बगीचे में खेल रहीं थीं. तब अचानक उनका ध्यान पेड़ पर बैठे तोता तोती के जोड़े पर गया. ये जोड़ा माता सीता और प्रभु श्रीराम को लेकर आपस में बातें कर रहा था, जिसे माता सीता छुपकर सुनने लगीं. तोता तोती आपस में बातें कर रहे थे कि भविष्य के महान राजा श्रीराम जन्म ले चुके हैं. वे एक महान प्रतापी राजा बनेंगे और उनका विवाह राजा जनक की पुत्री राजकुमारी सीता से होगा.
तोते के जोड़े से अपने बारे में सुनकर माता सीता आश्चर्यचकित होकर उनके पास पहुंची और तोते के जोड़े से कहा कि जिस राजकुमारी सीता की आप दोनों बात कर रहे हैं , वे ही जनक पुत्री राजकुमारी सीता हैं. आप दोनों को मेरा भविष्य कैसे पता है. तब तोते ने कहा कि वो और उसकी पत्नी दोनो ही महर्षि वाल्मीकि के आश्रम के पेड़ पर रहते थे. महर्षि वाल्मीकि ही ये सब बातें अपने शिष्यों को बताया करते थे जिसे हम दोनो भी सुनते थे. ये सब बातें हमें रटी हुई हैं.
अपने भविष्य के बारे में और ज्यादा जानने की इच्छा से माता सीता ने तोते के जोड़े को अपने साथ महल में रखने की इच्छा जताई, जिसे तोते ने अस्वीकार कर दिया. माता सीता अपनी जिद पर अड़ी रहीं और दोनों को पकड़ने की कोशिश की. तब नर तोता तो उड़ गया पर उसकी पत्नी मादा तोता सीता माता की पकड़ में आ गईं.