प्रेरक प्रसंग; ट्रेन में टिकट चेक करते समय टीसी को एक फटा हुआ पुराना पर्स मिला, जब उसने उसे खोला तो उसमें कुछ पैसे और भगवान कृष्ण की फोटो थी, टीसी ने वहां मौजूद लोगों..

ट्रेन में चेकिंग करते वक्त टीसी को एक फटा और पुराना पर्स मिला। टीसी ने जब उस पर्स को खोल कर देखा तो टीसी को उसमें कुछ पैसे और भगवान कृष्ण की फोटो दिखाई दे। टीसी ने ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों से पूछा कि यह पर्स किसका है।

तब एक बूढ़े यात्री ने टीसी से का साहब यह पर्स मेरा है।

जब बूढ़े यात्री ने यह बात कही तो टीसी ने पूछा कि इसका सबूत क्या है। बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि इस पर्स में भगवान श्री कृष्ण की फोटो है। टीसी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की फोटो तो हर किसी के पर्स में हो सकती है। इसमें तुम्हारे बेटे या तुम्हारे परिवार वालों की फोटो क्यों नहीं है।

बूढ़े व्यक्ति ने बताया कि मैं जब स्कूल में था, तब पिताजी ने मुझे यह पर्स दिलाया था। मैंने उस समय इस पर्स में अपने मां और पिता की फोटो लगाई थी। लेकिन जब मैं बड़ा हुआ तो मैंने उसमें अपनी फोटो लगा दी, क्योंकि मुझे अपनी सुंदरता पर बहुत गर्व होता था।

कुछ समय बाद ही मैंने शादी कर ली और अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करता था। मैंने इसके बाद उस पर्स में से अपनी फोटो हटाकर पत्नी की फोटो लगा दी। मैं समय-समय पर अपनी पत्नी की फोटो देखते रहता था। इसके बाद मेरी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया तो मैंने पर्स में से अपनी पत्नी की फोटो हटाकर अपने बेटे की फोटो लगा दी।

कुछ सालों बाद मेरे माता-पिता का देहांत हो गया। मेरा बेटा बड़ा हो गया और उसकी भी शादी हो गई। कुछ समय बाद मेरी पत्नी भी मुझे और इस दुनिया को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई।

मेरा बेटा अपनी पत्नी के साथ दूसरे शहर में रहने चला गया। वह मेरे लिए समय नहीं निकाल पाता। मेरा ध्यान भी रखने वाला कोई नहीं है। एक ही है, जो मेरा ध्यान रखते हैं, वह भगवान श्रीकृष्ण है। इसलिए मैंने अपने पर्स में से अपने बेटे की फोटो निकालकर भगवान श्री कृष्ण की फोटो लगा ली है। मुझे इस बात का अनुभव हो गया है कि इस संसार में कोई भी रिश्ता साथ नहीं देगा। हमेशा भगवान ही साथ देंगे। टीसी ने बूढ़े व्यक्ति की बात सुनकर उनको पर्स लौटा दिया।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि जब किसी बुजुर्ग को अपने संतान और परिवार वालों का साथ नहीं मिलता तो वह सिर्फ भगवान के सहारे जीते हैं। वह उस वक्त भगवान का नाम लेते हैं। इस कारण उनको शांति और दुखों को सहने की शक्ति मिलती है।

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