समंदर में फेंका जाल, फंसी 7 ‘सोने’ की मछली, टूटे ग्राहक, बन गया लखपति
मछुआरे समंदर में मछली पकड़ने के लिए जाते हैं. इसी मछली के सहारे वह अपना जीवन यापन करते हैं. कई बार उन्हें खाली हाथ लौंटना पड़ता है तो कई बार वह अधिक मछली पकड़ लाते हैं.
इन मछलियों को बेच कर वह अपना घर चलाते हैं. अपने जीवन में इन मछलियों को बेचकर वह लखपति बनने का सपना तो कतई नहीं देखते हैं. लेकिन ओडिशा में एक मछुआरे के साथ एक हैरान कर देने वाली घटना घटी है.
ओडिशा TV मछुआरों ने मंगलवार को ओडिशा के भद्रक के धमारा मुहाने के चांदनी पाल में सात ‘सोलपतिया’ मछलियां पकड़ कर सोना बटोर लिया. दरअसल इन मछलियों को बेचकर उन्हें 1,08,000 रुपये मिले. सोमवार को मछुआरों के एक समूह ने समुद्र में सात दुर्लभ ‘सोलापतिया’ मछली पकड़ी.
जब वे इन मछलियों को किनारे ले आए तो लोग उन्हें देखने के लिए इकट्ठा हो गए. फिर नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई. कोलकाता के एक बिजनेसमैन ने बोली लगाई और उन्हें 1,08,000 रुपये में खरीद लिया. पता चला कि उसने इन्हें चेन्नई की एक दवा निर्माता कंपनी को बेच दिया था.
यहां अक्सर हाथ लगता है खजाना
गौरतलब है कि भद्रक वह जगह है जहां मछुआरे अक्सर ऐसी दुर्लभ और महंगी मछलियां पकड़ते हैं. एक अन्य मछली जिसे घोल कहा जाता है और स्थानीय रूप से इसे टेलिया कहा जाता है, मछुआरों के जाल में पकड़ी जाने वाली सबसे आम प्रजाति है. एक टेलिया मछली का वजन लगभग 30 किलोग्राम होता है और इसकी कीमत 1 लाख रुपये से अधिक होती है.