नॉर्मल डिलीवरी के बाद इस एक अंग को रखना होता है सूखा, जानिए वो बातें जो औरतों को कोई नहीं बताता कोई

मां बनने के बाद हर औरत के सामने कुछ चुनौतियां और जिम्‍मेदारियां आती हैं। ज्‍यादातर लोग आपको इस बारे में ही बात करते हुए नजर आएंगे कि डिलीवरी के बाद क्‍या खाना चाहिए, बच्‍चे को कैसे दूध पिलाना है वगैरह-वगैरह। इस समय नई मांओं को अपना खुद का और बेबी की देखभाल करने के बादे में ज्‍यादातर लोग नहीं बताते हैं जो कि बहुत जरूरी है ।

आमतौर पर डिलीवरी के बाद शरीर को ठीक होने में 6 से 8 हफ्तों का समय लगता है। वहीं सिजेरियन डिलीवरी में इससे ज्‍यादा समय भी लग सकता है। इस स़मय मांओं को अपने शरीर को रिकवर करने का समय देना होगा और इस समय उन्‍हें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिनके बारे में आगे बताया गया है।

बच्चे के जन्म के बाद, योनि से ब्‍लीडिंग होना पूरी तरह से सामान्य है, जिसे लोचिया कहा जाता है। इस स्राव में रक्त, म्‍यूकस और गर्भाशय के ऊतक होते हैं और यह कई हफ्तों तक रह सकता है। संक्रमण को रोकने के लिए सैनिटरी पैड का उपयोग करना, टैम्पोन न लगाना और उन्हें नियमित रूप से बदलना आवश्यक है। यदि ब्लीडिंग ज्‍यादा या दुर्गंधयुक्त है, तो डॉक्टर से बात करें।

टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक आर्टिकल में नोएडा के मदरहुड हॉस्पिटल से वरिष्ठ सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. तनवीर औजल कहते हैं कि गर्भावस्था और प्रसव से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे असंयम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पेल्विक फ्लोर एक्‍सरसाइज करना, जिसे अक्सर कीगल एक्‍सरसाइज कहा जाता है, इन मांसपेशियों को मजबूत करने और तेजी से रिकवरी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

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