Success Story: ₹5,000 से 30 लाख… नौकरी छोड़ी और शुरू किया यह काम, आज बरस रहा पैसा!

पूजा कंठ दिल्ली की रहने वाली हैं। साल 2015 से वह अपना कारोबार कर रही हैं। उनके वेंचर का नाम ‘पूजा की पोटली’ है। इसके जरिये वह मैक्रैम आर्ट के हाथ से बने इको फ्रेंडली प्रोडक्‍ट बनाकर बेचती हैं। पूजा एमबीए हैं। कई सालों तक उन्‍होंने कॉरपोरेट सेक्टर में काम किया। लेकिन बेटे के जन्म के बाद 2012 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। वह अपने बच्चे को ज्यादा समय देना चाहती थीं। यह और बात कि उनके लिए घर पर खाली बैठना आसान नहीं था। लिहाजा, उन्होंने सिलाई-कढ़ाई और बुनाई जैसे आर्ट में हाथ आजमाया। उनकी तलाश मैक्रैम आर्ट पर आकर खत्म हुई। आइए, यहां ‘पूजा की पोटली’ के पूरे सफर के बारे में जानते हैं।

2015 में पूजा के पति ने उन्हें एक स्मार्टफोन दिया था। पति ने उन्‍हें बोरियत से बचने के लिए घरेलू बिजनेस आइडिया तलाशने को कहा। कला की ओर झुकाव के कारण पूजा को हैंडमेड सजावटी प्रोडक्‍ट आकर्षक लगे। खासतौर से उनकी दिलचस्‍पी मैक्रैम आर्ट प्रोडक्‍ट में दिखी। मैक्रैम में प्लांट हैंगर, वॉल हैंगर, बेड रनर, टेबल रनर जैसे सजावटी सामान बनाने के लिए अलग-अलग नॉटिंग स्‍टाइल्‍स को शामिल किया जाता है। नॉटिंग या गांठें सूती सुतली, लिनन, जूट, सूत और नायलॉन से बनाई जाती हैं ।

पूजा ने यह आर्ट सीखने के लिए कोई ट्रेनिंग या वर्कशॉप नहीं की। अलबत्‍ता उन्होंने घर पर ही यूट्यूब के जरिये इसे सीखा। यह कला दिखने में जितनी सुंदर है, करने में उतनी ही मुश्किल। ऐसे में पूजा को इसमें महारत हासिल करने में डेढ़ से दो साल का वक्‍त लगा। लेकिन इस दौरान उन्होंने न सिर्फ अपने हुनर पर काम किया बल्कि इसी कला को आगे बढ़ाने का फैसला भी कर लिया। उन्होंने तय किया कि वह इसी कला से अपना कारोबार शुरू करेंगी। इसके जरिये वह और भी महिलाओं को काम देंगी।

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