अब कहां हैं वो खूंखार आतंकी जिन्हें भारत ने कंधार हाईजैक के बदले छोड़ा था?
इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी 814 को 24 दिसंबर 1999 को नेपाल से हाईजैक हो गया था, जो आज से ठीक 24 साल पहले यानी 31 दिसंबर 1999 को भारत वापस आया था. हाईजैकर्स ने 179 यात्रियों और 11 क्रू सदस्यों की जान का सौदा 3 खूंखार आतंकवादियों की रिहाई से किया था. विमान अपहरण के कुछ ही घंटों अंदर ही हाईजैकर्स ने एक यात्री रूपन कात्याल को मार दिया था. ऐसे में सरकार को विवश होकर इन तीनों आतंकवादियों को छोड़ना पड़ा था.
हाईजैकर्स ने सरकार से 3 खूंखार आतंकियों को अफगानिस्तान लाने की मांग की थी. आतंकी इंडियन एयरलाइंस के विमान को काठमांडू से अमृतसर लाए, फिर लाहौर के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे. उस दौर में अफगानिस्तान पर तालिबान की हुकूमत थी. हाईजैकर्स ने मौलाना मसूद अजहर, उमर शेख, अहमद जरगर को छोड़ने की मांग की थी. इस मामले को कंधार कांड के नाम से जाना जाता है. मामले में सीबीआई ने दस लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से सात के बारे में माना जाता है कि वो पाकिस्तान में हैं.
मौलाना मसूद अजहर:-
कंधार हाईजैक में भारत सरकार से छोड़े गए आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर ने पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद नाम का आतंकी संगठन बनाया. मसूद अजहर ने उसके बाद भारत पर कई आतंकी हमले किए. इनमें भारत में संसद हमला, मुंबई हमला, पठानकोट एयरबेस हमला और पुलवामा हमले शामिल हैं. अजहर को पिछले साल यूनाइटेड नेशंस ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है. मसूद अजहर इस वक्त पाकिस्तान में है.
उमर शेख:-
भारतीय जेलों से छुड़ाए गए तीन आतंकियों में उमर शेख भी था. शेख ने 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल को पाकिस्तान में किडनैप करवाया और उनकी हत्या कर दी गई थी. अदालत ने उमर को उसी साल मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया. अभी भी इस मामले की सुनवाई पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.
अहमद जरगर:-
अहमद जरगर को भी कंधार हाईजैक में भारत सरकार ने छोड़ा था. कहा जाता है कि जरगर कश्मीर का रहने वाला है और वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है. जरगर आतंकवादी संगठन अल-उमर मुजाहिदीन का संस्थापक है. अहमद पर कंधार कांड के अलावा सीआरपीएफ के जवानों पर होने वाले ग्रेनेड हमलों समेत कई हत्याओं के मुकदमे दर्ज हैं.
एक यात्री की हुई थी मौत
कंधार कांड में 190 लोगों सवार थे. हाईजैकर्स ने लोगों में खौफ पैदा करने के लिए हाईजैकिंग के थोड़ी देर बाद ही फ्लाइट में सवार यात्री रूपन कात्याल को मार दिया था. रूपन कात्याल की उसी वक्त शादी हुई थी और वह अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर गए थे. हाईजैकर्स ने उन्हें कई बार चाकू से गोदकर मारा था.