एक कंपनी तीन खरीदार… मुकेश अंबानी, गौतम अडानी और सरकार, जानिए क्या है मामला

नवीन जिंदल प्रमोटेड कंपनी जिंदल पावर ने चौंकाने वाला फैसला लिया है। कंपनी लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड को खरीदने की रेस से हट गई है। पिछले हफ्ते ही इसने अडानी पावर से बड़ा ऑफर दिया था। जिंदल पावर के हटने के बाद अब केवल तीन खरीदार मैदान में रह गए हैं। इनमें अडानी पावर, रिलायंस इंडस्ट्रीज और सरकारी कंपनी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की अगुवाई वाला कंसोर्टियम शामिल है। लैंको अमरकंटक पावर कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग्स से गुजर रही है। लैंको अमरकंटक पावर छत्तीसगढ़ के कोरबा-चांपा राज्य राजमार्ग पर कोयला आधारित थर्मल पावर प्रोजेक्ट चलाती है। पहले चरण में 300-300 मेगावाट की दो यूनिट से बिजली पैदा की जा रही है। इनसे हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को जिंदल पावर ने अपनी याचिका वापस लेने के लिए एनसीएलटी के अमरावती बेंच में आवेदन किया। कुछ दिन पहले ने लैंको अमरकंटक की बिक्री प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए एनसीएलटी से अनुमति मांगी थी। इसके जवाब में लेंडर्स ने कंपनी से बिना किसी शर्त के अपफ्रंट कैश ऑफर का लिखित वादा मांगा था। साथ ही कंपनी से रिक्वेस्ट फॉर रेजॉल्यूशन प्लान की सभी शर्तों को मानने को कहा गया था। एक सूत्र ने कहा कि जिंदल पावर ने लिखित वादा नहीं किया। कंपनी का कहना था कि संबंधित अथॉरिटी से मंजूरी मिलने के बाद ही वह लिखित वादा कर सकती है। शायद कंपनी बिना शर्त अपफ्रंट कैश ऑफर को लेकर सहज नहीं थी। यही वजह है कि उसने याचिका वापस लेने में ही भलाई समझी। इस बारे में जिंदल पावर ने कोई जवाब नहीं दिया।

क्या है मामला

12 जनवरी को जिंदल पावर ने लैंको अमरकंटक की प्रस्तावित नीलामी में हिस्सा लेने के लिए ट्रिब्यूनल से मंजूरी मांगी थी। 16 जनवरी को कंपनी ने 4,203 करोड़ रुपये का कैश ऑफर और 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी दी। एक महीने पहले अडानी पावर ने 4,100 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। इससे पहले अडानी पावर ने नवंबर में 3,650 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। लेकिन अडानी का यह ऑफर पीएफसी की अगुवाई वाले कंसोर्टियम के ऑफर के 11 महीने बाद आया था। पीएफसी के 3,020 करोड़ रुपये के ऑफर को 95 परसेंट लेंडर्स ने मंजूरी दी थी। जब तक अडानी का ऑफर आया तब तक सीसीआई पीएफसी के ऑफर को मंजूरी दे चुका था और लेंडर्स एनसीएलटी की मंजूरी का इंतजार कर रहे थे। इसलिए लेंडर फिर एनसीएलटी के पास गए।

इसी महीने ट्रिब्यूनल ने बैंकों को फिर से नीलामी आयोजित करने की अनुमति दे दी। इसके लिए अडानी ग्रुप की 4,100 करोड़ रुपये की रमक को बेस रखा गया। सूत्रों का कहना है कि पीएफसी की अगुवाई वाले कंसोर्टियम के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। रिलायंस ने शुरुआत में इसके लिए एक रेजॉल्यूशन प्लान दिया था। लैंको अमरकंटक पावर में दूसरे चरण में दो यूनिट और बन रही हैं। इनमें प्रत्येक की क्षमता 660 मेगावाट है। तीसरे चरण में भी 660 मेगावाट की दो यूनिट बननी हैं। इन पर अभी काम शुरू नहीं हुआ है।

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