‘सिर्फ मोदी सरकार का प्रचार और विज्ञापन मात्र…’, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोले मल्लिकार्जुन खरगे

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस ने बुधवार को संसद के दोनों सदनों में भाषण को मोदी सरकार का प्रचार और विज्ञापन करार दिया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी कैबिनेट द्वारा पारित राष्ट्रपति का अभिभाषण केवल मोदी सरकार की प्रशंसा थी। क्योंकि यह सरकार द्वारा बनाया गया दस्तावेज है। फिर आप उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि पीएम मोदी इसके जरिए अपना प्रचार और विज्ञापन छोड़ देंगे। हमें उम्मीद नहीं थी कि भाषण से भी प्रचार प्रसार करेंगे।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस ने बुधवार को संसद के दोनों सदनों में भाषण को मोदी सरकार का प्रचार और विज्ञापन करार दिया है। राष्ट्रपति के भाषण उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बात की हमें खुशी हैं कि राष्ट्रपति पहली बार नई संसद में आईं, उन्होंने दोनों सदनों को संबोधित किया। भले ही उन्हें यह सम्मान देर से दिया गया। सभी को पता है कि सरकार ने नई ससंद भवन के उद्धाटन में उन्हें बुलाना भी उचित नहीं समझा था, जबकि राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होते हैं।

राष्ट्रपति का अभिभाषण केवल सरकार की प्रशंसा- खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी कैबिनेट द्वारा पारित राष्ट्रपति का अभिभाषण केवल मोदी सरकार की प्रशंसा थी। क्योंकि यह सरकार द्वारा बनाया गया दस्तावेज है। फिर आप उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि पीएम मोदी इसके जरिए अपना प्रचार और विज्ञापन छोड़ देंगे। हमें उम्मीद नहीं थी कि भाषण से भी प्रचार प्रसार करेंगे।

राष्ट्रपति का अभिभाषण पूरी तरह से राजनीतिक- खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे के मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण पूरी तरह से राजनीतिक था, उसमें वह केवल पीएम मोदी का प्रचार और विज्ञापन है। इसमें किसी भी तरह की समस्याओं और चिंताओं को संबोधित नहीं किया गया है। रोजगार और भर्ती पर कोई शब्द नहीं था। यह मात्र गरीबों को गुमराह करने की कोशिश है। खरगे ने कहा कि मुर्मू ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, महंगाई और बढ़ती असमानता की गहरी खाई के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। यह इसलिए हुआ क्योंकि पिछले 10 सालों में कुछ खास मोदी सरकार ने नहीं किया है।

समय पर नहीं मिल रही छात्रवृत्ति, सरकार कर रही बंद- खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। जो छात्रवृत्ति कार्यक्रम पहले से चले आ रहे हैं उन्हें भी सरकार बंद कर रही है। मणिपुर में हिंसा पिछले नौ महीनों से जारी है, लेकिन राष्ट्रपति ने उसका जिक्र नहीं किया।

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