पीएम मोदी के ‘घर में घुसकर मारेंगे’ वाले बयान पर अमेरिका क्या बोला

हाल ही में उत्तराखंड की एक चुनावी सभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, ”आज भारत में मोदी की मज़बूत सरकार है, इसलिए आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है.”

अब अमेरिका ने पीएम मोदी के इस बयान और भारत पर प्रतिबंध ना लगाने पर पूछे गए सवाल का जवाब दिया है.

व्हाइट हाउस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से मंगलवार को पीएम मोदी के बयान पर सवाल पूछा गया.

मैथ्यू मिलर से पूछा गया, ”पीएम मोदी और रक्षा मंत्री ने अपने चुनावी अभियानों में कहा कि नया भारत सरहद पार कर आतंकवादियों को मारने में हिचकेगा नहीं. ये एक तरह से कनाडा में निज्जर, गुरपतवंत सिंह पन्नू और पाकिस्तान में हत्याओं की बात को कुबूल कर रहे हैं. क्या ये बयान बाइडन प्रशासन के लिए चिंता की बात है?”

मैथ्यू मिलर ने जवाब दिया, ”जैसा कि हमने पहले भी कहा है कि हम इसके बीच में नहीं घुसेंगे. मगर हम भारत और पाकिस्तान दोनों को तनाव से बचने और बातचीत के ज़रिए समाधान तलाशने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.”

भारत पर कोई प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया?

 मैथ्यू मिलर से इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया- “अतीत में हमने देखा कि अमेरिकी धरती पर हत्या करने वाले कुछ विदेशी लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए, मगर भारत के मामले में हम ऐसा नहीं देखते. इस छूट को दिए जाने की वजह क्या है?”

मैथ्यू मिलर जवाब देते हैं, ”मैं प्रतिबंध से जुड़ी किसी कार्रवाई पर बात नहीं करूंगा, इसका मतलब ये नहीं है कि हम प्रतिबंध लगाने वाले हैं. लेकिन अगर आप प्रतिबंधों के बारे में पूछेंगे तो ये कुछ ऐसा है जिसके बारे में हम खुले में चर्चा नहीं करते हैं.”

बीते दिनों कनाडा, अमेरिका और पाकिस्तान में हत्याएं करवाने के आरोप भारत पर लगाए गए हैं. भारत ऐसे आरोपों को आधिकारिक तौर पर ख़ारिज करता आया है.

हालांकि अब जब चुनावी सभाएं ज़ोरों पर हैं. तब सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं की ओर से सरहद पार ”आतंकवादियों को मारने” जैसे बयान दिए जा रहे हैं.

हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, ”उनको (आतंकवादियों) ये नहीं लगना चाहिए कि हम सरहद के उस पार हैं तो कोई हमें छुएगा नहीं. आतंकवादी नियमों से नहीं चलते तो उनको जवाब देने के भी नियम नहीं हो सकते.”

छह अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक इंटरव्यू में कहा था, ”कोई भी आतंकवादी अगर हमारे पड़ोसी देश से भारत को परेशान करने की कोशिश करेगा, यहां पर आतंकवादी हरकतें करेगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे. यदि वो भागकर पाकिस्तान जाएगा तो वहां घुसकर मारेंगे.”

गुरपतवंत सिंह पन्नू और निज्जर

बीते साल जून में कनाडा में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की गई थी. कनाडा सरकार ने सितंबर 2023 में इस हत्या का आरोप भारत पर लगाया था.

भारत ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कनाडा से सुबूत देने के लिए कहा था.

निज्जर के मामले में विवाद बढ़ने के बाद कनाडा और भारत के संबंधों में काफी दूरियां आई थीं.

ये दूरियां तब भी देखने को मिली थीं, जब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे.

इसके बाद नवंबर 2023 में खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के मामले में भी भारत का नाम आया था.

अमेरिका ने दावा किया था कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में अलगाववादी नेता की हत्या के लिए एक व्यक्ति को भाड़े पर लिया था, जिसके बदले क़रीब 83 लाख रुपये दिए गए.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत इन आरोपों को गंभीरता से ले रहा है.

पेशे से वकील पन्नू का परिवार पहले पंजाब के नाथू चक गांव में रहता था, जो बाद में अमृतसर के पास खानकोट में बस गया. पन्नू के पिता महिंदर सिंह पंजाब मार्केटिंग बोर्ड के सचिव थे.

साल 1991-92 पन्नू अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में दाख़िला लिया. यहां से उन्होंने फ़ाइनेंस में एमबीए किया और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से क़ानून की डिग्री ली.

साल 2007 में पन्नू ने सिख फ़ॉर जस्टिस की स्थापना की थी. पन्नू न्यूयॉर्क के ऑफ़िस से काम करते हैं, जहां वो अपनी लॉ फर्म भी चलाते हैं.

भारत ने जुलाई 2020 में नौ लोगों को आतंकवादी घोषित किया था. इस लिस्ट में गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी नाम था.

विदेशी धरती पर हत्याएं और भारत पर आरोप

 निज्जर और पन्नू के मामले के अलावा विदेशी धरती पर कथित साज़िशों में शामिल होने के आरोप पाकिस्तान की ओर से भी भारत पर लगते रहे हैं.

भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की लाहौर की जेल में साल 2013 में हत्या के अभियुक्त रहे आमिर सरफ़राज़ उर्फ़ तांबा पर पाकिस्तान में हाल ही में हमला हुआ.

पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया है कि आमिर सरफ़राज़ पर हमले के मामले में मिले सबूत भारत के शामिल होने की ओर इशारा करते हैं.

मोहसिन नक़वी ने कहा, ”अतीत में भारत हत्या के कुछ मामलों में सीधे तौर पर शामिल रहा है. हमें शक है कि इस हमले में भारत शामिल था.”

मोहसिन बोले, ”फ़िलहाल जांच की जा रही है और अब तक मिले सबूत उसी ओर इशारा कर रहे हैं लेकिन मैं जांच रिपोर्ट आने से पहले कुछ नहीं कह सकता.”

भारत सरहद पार ऐसी हत्याओं के आरोपों को अतीत में ख़ारिज करता रहा है.

मगर चुनावी सभाओं से बीजेपी नेताओं के बयान कुछ और संकेत देने की कोशिश करते नज़र आ रहे हैं.

ब्रिटेन के समाचार पत्र द गार्डियन ने हाल की अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि भारत ‘विदेशी धरती पर रहने वाले देश विरोधी तत्वों’ को ख़त्म करने की एक व्यापक रणनीति पर चल रहा है.

‘द गार्डियन’ के मुताबिक़, इस सिलसिले में भारत ने साल 2020 से अब तक पाकिस्तान में कई कार्रवाई की हैं.

इस रिपोर्ट के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से जब एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि या इसका खंडन नहीं किया.

राजनाथ सिंह ने ये ज़रूर कहा, ”अगर किसी पड़ोसी देश से कोई आतंकवादी भारत को परेशान करने या यहां आतंकवादी कार्रवाई करने की कोशिश करता है तो उसे उचित जवाब दिया जाएगा.”

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