₹7 का पेपर बैग, देना पड़ा 400 गुना जुर्माना, दुकानदार को लगी इतने की चपत

कई बार एक छोटी सी गलती के बदले भारी जुर्माना देना पड़ जाता है. इंसान जब वह गलती कर रहा होता है तो उसे इसका अंदाजा नहीं होता है कि ऐसा भी हो सकता है. एक दुकानदार को एक कागज के थैले के बदले भारी जुर्माना देना पड़ा है. दिल्ली में एक उपभोक्ता आयोग ने फैशन ब्रांड लाइफस्टाइल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को ग्राहक से बिना पूर्व सूचना के पेपर कैरी बैग के लिए सात रुपये शुल्क वसूलने पर 3,000 रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया है.

सेवाओं में कमी का दावा

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग खुदरा विक्रेता द्वारा एक पेपर कैरी बैग के बदले में सात रुपये वसूलने पर सेवाओं में कमी का दावा करने वाली एक शिकायत के संबंध में सुनवाई कर रहा था. आयोग के अध्यक्ष एस.एस. मल्होत्रा और सदस्य रश्मि बंसल एवं रवि कुमार ने कहा कि खुदरा विक्रेता प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध के बाद पेपर कैरी बैग के लिए इस आधार पर शुल्क ले रहे थे कि पेपर बैग प्लास्टिक बैग की तुलना में महंगे होते हैं.

आयोग ने क्या कहा?

आयोग ने हालिया आदेश में कहा कि आयोग के समक्ष विचारनीय प्रश्न प्लास्टिक बैग या पेपर बैग के उपयोग का नहीं है बल्कि यह बिना पूर्व नोटिस/सूचना दिए खरीद के लिए चुने गए सामान के बदले भुगतान करते समय कैरी बैग प्रदान करने को लेकर ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त लागत लगाई जा सकती है या नहीं इस बारे में है. आदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने तस्वीरें दाखिल करके अपना मामला स्थापित किया है, जिसमें दिखाया गया है कि उपभोक्ताओं को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी कि उन्हें अपना कैरी बैग खुद लाना होगा और पेपर बैग का शुल्क लिया जाएगा. ग्राहक को खरीदारी करने से पहले यह जानने का अधिकार है कि कैरी बैग की अतिरिक्त लागत ली जाएगी और कैरी बैग की मुख्य विशिष्टताओं और कीमत को जानने का भी अधिकार है.

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