Paris Olympics: बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु संभालेंगी तिरंगा, गगन नारंग को मिली बड़ी जिम्मेदारी
वैसे तो 4 साल का इंतजार करना होता है लेकिन इस बार ओलंपिक के फैंस का इंतजार 3 साल में ही खत्म होने जा रहा है. फ्रांस की राजधानी पेरिस में इस महीने के अंत में ओलंपिक गेम्स का आगाज होगा. पेरिस 2024 के लिए सभी देश अपनी-अपनी आखिरी तैयारियों में लगे हैं. पिछले ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के बाद पेरिस गेम्स से तो और भी ज्यादा उम्मीदें बढ़ गई हैं. खास तौर पर नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु, मीराबाई चानू और अचंता शरत कमल जैसे दिग्गजों पर ज्यादा नजरें रहेंगी. मेडल लाने की जिम्मेदारी तो इन पर होगी ही, सिंधु और शरत कमल पर एक और जिम्मेदारी होगी और वो है ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय दल का नेतृत्व.
सिंधु बनीं फ्लैग-बियरर
भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष और पूर्व दिग्गज एथलीट पीटी ऊषा ने सोमवार 8 जुलाई को ओलंपिक गेम्स में भारतीय दल के ‘फ्लैग-बियरर’ यानी ध्वज वाहक के लिए स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु के नाम का ऐलान किया. हर ओलंपिक की तरह किसी भी कंटिंजेंट में एक पुरुष और एक महिला फ्लैग बियरर होते हैं. सिंधु भारतीय दल की महिला ध्वज-वाहक होंगी. वहीं दिग्गज टेबल टेनिस स्टार शरत कमल पुरुष ध्वज-वाहक होंगे. उनके नाम का ऐलान पहले ही हो चुका था.
गगन नारंग को मिली बड़ी जिम्मेदारी
इन सबके अलावा IOA अध्यक्ष ने एक और अहम ऐलान किया. पूर्व ओलंपिक मेडलिस्ट और दिग्गज निशानेबाज गगन नारंग पेरिस गेम्स में भारत के ‘शेफ डि मिशन’ की भूमिका में होंगे. इससे पहले ये जिम्मेदारी दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को दी गई थी लेकिन उन्होंने विवादों के बीच खुद अपना नाम वापस ले लिया था. अब गेम्स शुरू होने से ठीक पहले ओलंपिक एसोसिएशन ने नारंग को ये दारोमदार सौंपा है. लंदन ओलंपिक 2012 में राइफल शूटिंग का ब्रॉन्ज जीतने वाले नारंग इससे पहले सिर्फ शूटिंग टीम के अधिकारी के रूप में जा रहे थे लेकिन अब वो पूरे ओलंपिक कंटिंजेंट के मुखिया होंगे.
टूटेगा पिछले ओलंपिक का रिकॉर्ड?
शेफ डि मिशन किसी भी देश के पूरे दल का सबसे प्रमुख अधिकारी होता है, जो खिलाड़ियों की जरूरतों का ध्यान रखता है और हर तरह के आधिकारिक कामकाज संभालता है. इस बार ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद रहेगी. टोक्यो 2020 में भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 7 मेडल जीते थे. इसमें सबसे बड़ा मेडल तो नीरज चोपड़ा ने जीता था. उन्होंने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतते हुए इतिहास रचा था. एथलेटिक्स में स्वतंत्र भारत का ये पहला मेडल था. इसके अलावा भारत ने 41 साल बाद हॉकी का मेडल भी जीता था.