संसद घुसपैठ केस: आरोपियों का दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप, ‘हमें बिजली के झटके दिए गए’

सांसद सुरक्षा चूक (Parliament security breach) मामले में पकड़े गए आरोपियों ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोपियों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से कहा है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें प्रताड़ित किया.

आरोपियों की ओर से कोर्ट में दायर किए गए एप्लिकेशन में कहा गया है उन्हें जुर्म कबूल करने के लिए ‘इलेक्ट्रिक शॉक’ दिया गया. उन पर दबाव बनाया गया कि वो पॉलिटिकल पार्टी से जुड़े होने की बात कहें.

आरोपियों ने कहा, ‘पुलिस ने टॉर्चर किया’

बता दें कि बीते साल 13 दिसंबर को संसद में घुसपैठ की घटना हुई थी. इस मामले में पुलिस ने सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया था. इंडिया टुडे की सृष्टि ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक सभी आरोपी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की हिरासत में थे. इस महीने की शुरुआत में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया.

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अब नीलम आजाद के अलावा सभी आरोपियों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पुलिस के खिलाफ एक एप्लिकेशन दायर की है. आरोपियों ने कोर्ट से कहा है कि पुलिस ने UAPA के तहत अपराध करने की बात कबूल करने के लिए उन्हें ‘इलेक्ट्रिक शॉक’ दिया. इसके अलावा आरोपियों ने कहा है कि उनसे 70 ब्लैंक पेजों पर जबरदस्ती साइन कराया गया.

आरोपियों के मुताबिक उन पर दबाव डाला गया कि वो किसी राजनीतिक दल/विपक्षी राजनीतिक दल के नेता के साथ अपने संबंध होने के बारे में कागज पर लिख कर दें. आरोपियों का ये भी कहना है कि उनके पॉलीग्राफी, नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट के दौरान भी टेस्ट करने वाले लोगों ने उन पर किसी पॉलिटिकल पार्टी या नेता का नाम लेने के लिए जोर दिया.

दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा गया

इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख दी है. वहीं सभी छह आरोपियों की न्यायिक हिरासत 1 मार्च तक बढ़ा दी गई है.

13 दिसंबर, 2023 को संसद में सागर शर्मा और मनोरंजन डी विजिटर गैलरी से कूदकर लोकसभा कक्ष में आ गए थे. इन लोगों ने नारेबाजी करते हुए कैन से पीले रंग का धुआं छोड़ा था. उसी दिन अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद भवन परिसर के बाहर कलर स्मोक छोड़ते हुए नारेबाजी की थी. संसद की सुरक्षा में हुई इस चूक पर बड़ा हंगामा हुआ था. विपक्ष विरोध में उतर आया था. इसके चलते विपक्ष के 143 सांसद निलंबित किए गए थे.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद अब इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंपी गई है. संसद के अंदर आने और बाहर जाने वाले गेट की सुरक्षा अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल कर रही है.

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