खेत में लगाएं 10 हजार रुपये का ये बीज, कुछ ही दिनों में हो जाएंगे मालामाल

देश के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़ नकदी फसलो की ओर रुख कर रहे है. उसमें सब्जी की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है.

ऐसी ही एक सब्जी है जिसकी खेती किसान साल में तीन बार कर सकते हैं. इस सब्जी का नाम है जुकिनी. जुकिनी विदेशों में उगाई जाने वाली एक कद्दू वर्गीय फसल है.

पश्चिम राजस्थान के सरहदी बाड़मेर में एक और विदेशी सब्जी की खेती की जा रही है. इसका नाम जुकिनी है. जिले के मिठड़ी गांव में स्थित एक फार्म में पहली बार किसान उम्मेदाराम प्रजापत ने कृषि वैज्ञानिक की मदद से जुकिनी की खेती की है.

किसान ने पूरी तरह से जैविक विधि से इसकी खेती की है. सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन और मल्चिंग का इस्तेमाल किया गया है. जुकिनी विदेशों में उगाई जाने वाली एक कद्दू वर्गीय फसल है. साथ ही जुकिनी आमतौर पर हरे और पीले रंग की होती है.

10 हजार रुपये किलो के हिसाब से मिल रहा है बीज
इतना ही नही थार के रेगिस्तान में पहली मर्तबा है जब विदेशी सब्जियों की खेती की जा रही है. इससे किसान न केवल अच्छी पैदावार ले रहा है बल्कि अच्छी आय भी हो रही है.

मिठड़ी गांव के प्रगतिशील किसान उम्मेदाराम ने जयपुर से 10 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से जुकिनी का बीज मंगवाया था. यह एक ऐसी सब्जी है जो फाइबर और न्यूट्रिशन से भरी होती है. इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं.

2 क्विंटल जुकिनी की पैदावार होती है
किसान उम्मेदाराम प्रजापत बताते है कि जुकीनी नाम मे ही अजूबा है और इसका फल वजनी होता है. रेगिस्तान में इसकी अच्छी पैदावार होती है. 35 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाड़मेर की सब्जी में किसान उम्मेदाराम जुकिनी को बेचते है.

वह बताते है कि 10 हजार प्रति किलो के हिसाब से इसका बीज खरीदा था. अब प्रायोगिक तौर पर इसकी खेती करने से रोजाना 2 क्विंटल जुकिनी की पैदावार हो जाती है.

यह सब्जी 30-40 दिन तक पैदावार देती है जिससे किसान की आमदनी में इजाफा होता है. हालांकि यह विदेशी सब्जी है लेकिन किसान ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इसे रेगिस्तान में लगाकर अच्छी पैदावार ले रहे है.

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