किसान की मौत पर राजनीति गरमाई, पंजाब सीएम बोले-3 साल से केंद्र ने क्यों नहीं की किसानों से बैठक?
हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर बुधवार को किसान की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। घटना के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर अपने तीन विधायक जो आंखों के डॉक्टर हैं को किसानों की देखभाल के लिए लगाया है
पंजाब सरकार ने किसानों को खासतौर पर आंखों में हो रही दिक्कतों को देखते हुए एंबुलेंस तैनात की है। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में हुई किसान संगठनों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की बैठकों से पहले दोनों पक्षों की आखिरी बार 22 जनवरी 2021 को मीटिंग हुई थी। इसके बाद पिछले तीन सालों से किसानों व सरकार के बीच कोई बैठक नहीं हुई।
किसान की मौत पर जताया दुख
सीएम ने आगे कहा कि मेरा फर्ज है कि मैं केंद्र और किसान संगठनों के बीच में पुल का काम करूं। दोनों पक्षों की सहमति बनें इसके लिए मैंने काम किया। लेकिन किसानों की मांगे मानना केंद्र सरकार का काम है और किसान संगठनों के प्रस्तावों को मानना सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि खनौरी की घटना में 21 साल के शुभकरण की मौत हो गई, जो बहुत दुख की बात है। पंजाब सरकार उसके परिजनों की हर संभव मदद करेगी। बताया जा रहा है कि शुभकरण के पास केवल दो कीले जमीन थी और उसकी मां की मौत हो चुकी है, उसे उसकी दादी ने पाला था और घर में उसकी दो बहनें भी हैं।
किसान दिल्ली जाना चाहते हैं
सीएम ने कहा कि पंजाब की सीमा में बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हैं। यह सभी लोग दिल्ली जाना चाहते हैं लेकिन इन्हें हरियाणा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा। जबकि हरियाणा से इनकी कोई डिमांड नहीं है। उन्होंने किसान और हरियाणा प्रशासन से शांति बनाए रखने की अपील की। उधर, शुभकरण की मौत के बाद किसान संगठनों ने दो दिन के लिए अपना दिल्ली कूच रोक दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया में आकर बयान दिया कि दो दिन किसान जहां हैं वहीं रहेंगें। दिल्ली कूच को दो दिन के लिए रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन दो दिनों में खनौरी बॉर्डर पर हुई घटना के बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी।
हरियाणा सरकार की आलोचना की
खनौरी घटना पर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने हरियाणा सरकार की आलोचना की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाजवा ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किए गए। उन्होंने कहा कि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने पंजाब सरकार से बार-बार प्राथमिकी दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने की अपील की है। लेकिन पंजाब सरकार ऐसा करने में विफल रही है।