मराठा आरक्षण पर सियासत गरमाई, मनोज जरांगे मुंबई रवाना, 26 जनवरी को करेंगे सभा

मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल शनिवार को मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं. उनके साथ हजारों की संख्या में समर्थक हैं. अंतरवाली सराते गांव से हजारों समर्थकों के साथ मुंबई के लिए रवाना हुए. वे अपने हाथों में भगवा लिए हुए हैं. उनका कहना है कि आरक्षण लिए बिना पीछे नहीं हटेंगे. आरक्षण के लिए जान की बाजी लगा देंगे. 26 जनवरी को मुंबई में सभा होगी, हालांकि सभा स्थल अभी निश्चित नहीं है. सभा आजाद मैदान चेंबूर सोमैया मैदान या दादर शिवाजी पार्क में हो सकती है. पुलिस ने अभी तक परमिशन नहीं दिया है.

उनकी मुख्य मांग है कि मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाए. अपनी मांगों को लेकर मनोज जरांगे ने दो बार आमरण अनशन किया है. उन्होंने सरकार को तीन महीने का समय भी दिया था. इसके बाद अब मनोज जरांगे पाटिल आक्रामक हो गए हैं. सरकार ने मनोज जारांगे की कुछ मांगें भी मान ली हैं.

इसके अलावा सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए भी युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है. मनोज जारांगे ने राज्य सरकार को 20 जनवरी तक का समय दिया था. उनकी मांग है कि सरकार 20 जनवरी तक सभी मराठा समुदाय को आरक्षण दे. लेकिन ऐसा संभव नहीं होने पर अब मनोज जरांगे मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं.

हजारों समर्थकों के साथ मनोज जरांगे मुंबई के लिए रवाना

मनोज जरांगे आज जालन्या स्थित अपने अंतरवाली सराते गांव से मुंबई के लिए रवाना हुए. इस वक्त वह काफी भावुक थे. अब आर-पार की लड़ाई है. जरांगे ने शपथ ली है कि भले ही उनके सीने पर गोलियां दाग दी जाएं, लेकिन वे आरक्षण लिए बिना पीछे नहीं हटेंगे.

मनोज जारांगे की इस भूमिका के बाद सरकारी स्तर पर भी बड़ी हलचल मच गई है. महाराष्ट्र सरकार एक्शन मोड में है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज दोपहर 3 बजे ‘वर्षा’ बंगले पर सभी कलेक्टरों और डिविजनल कमिश्नरों की एक जरूरी बैठक की.

सीएम एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों के साथ की बैठक

यह बैठक राज्य के मुख्यमंत्री ने ‘वर्षा’ से अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की, जिसमें 23 जनवरी से मागासवर्ग आयोग के जरिये सर्वेक्षण पूर्ण करने के आदेश दिए गए. लोगों को सर्वेक्षण की जानकारी गावों में देने की सूचनाएं दी गयी. यह सर्वेक्षण 23 जनवरी से 31 जनवरी तक पूर्ण करने के आदेश भी दिए गए हैं. 24 घंटे कॉल सेंटर शुरू कर लोगों को इसकी जानकारी देने के भी आदेश दिए गए हैं. अबतक 1 लाख 47 हजार कुनबी सर्टिफिकेट दिए जाने की बात भी कही गयी है.

सरकार का मानना ​​है कि जब कानूनी प्रक्रिया चल रही है तो जरांगे पाटिल का रुख अतिवादी है. इसलिए सूत्रों ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अब मनोज जरांगे पाटिल से बातचीत करेंगे.

महाराष्ट्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी विधायक बच्चू कडू के संपर्क में हैं. सरकार मनोज जरांगे पाटिल से अनुरोध करने जा रही है कि वह मुंबई न आएं और कानून व्यवस्था की समस्या पैदा न करें. विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि मंत्री गिरीश महाजन, मंत्री उदय सामंत, मंत्री शंभुराज देसाई और अन्य नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुंबई आने से पहले जरांगे पाटिल से भी मुलाकात करेगा. इसलिए अब आंदोलन काफी तेज होने की संभावना है.

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